जम्मू कश्मीर में मानसून की एंट्री होने के बाद से पहाड़ी इलाकों पर जमकर मूसलाधार बारिश हो रही है. इसके चलते नदी-नाले उफान पर हैं. जिसका फायदा सीमा पार बैठे आंतकी उठाने की फिराक में लगे हुए हैं. दरअसल, जिन नदियों व नालों में पानी बढ़ गया है, उनमें से अधिकतर पाकिस्तान की तरफ जाते हैं. ऐसे में आतंकी घुसपैठ करने की कोशिश में जुटे हुए हैं. वहीं खराब मौसम के चलते तकनीकी उपकरण भी काम न के बराबर कर रहे हैं, तो वहीं कई जगहों पर सुरक्षा ढांचा भी क्षतिग्रस्त हो गया है. जिसकी आड़ में आतंकी घुसपैठ की प्रयास में हैं.
खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट में आतंकी घुसपैठ की जानकारी
खुफिया एजेंसियों के पास ऐसे इनपुट पहुंचे हैं कि आतंकी खराब मौसम का लाभ उठाकर बैट हमला और घुसपैठ कर सकते हैं. इसे देखते हुए एलओसी से लेकर बॉर्डर तक अलर्ट जारी कर दिया गया है. जानकारी के अनुसार सांबा, कठुआ और जम्मू से करीब 200 नदी-नाले पाकिस्तान जाते हैं. इनमें चिनाब, उज्ज, बसंतर मुख्य रूप से शामिल है. जबकि बाकी के छोटे-छोटे नाले भी पाकिस्तान जाते हैं. यहीं नहीं राजोरी और पुंछ जिले की नदियां और नाले भी पाकिस्तान जाते हैं.
भारी बारिश लोगों की जान के लिए बनी मुसीबत
पिछले दो साल से इन्हीं पांच जिलों से सबसे अधिक घुसपैठ के प्रयास हुए हैं. सूत्रों का कहना है कि आतंकी इन जिलों की एलओसी और बार्डर से घुसपैठ की फिराक में है. इसे देखते हुए सतर्कता बढ़ाई गई है. लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में लगातार तीसरे दिन भारी बारिश और बेमौसम बर्फबारी का कहर जारी रहने से रविवार को दो सैनिकों समेत पांच लोगों की मौत हो गई. एक रक्षा प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि पुंछ जिले में एक धारा को पार करने का प्रयास करते समय अचानक आई बाढ़ में बह जाने से सेना के दो जवानों की जान चली गई.