महाराष्ट्र में एनसीपी में हुई बगावत के बाद चाचा शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के बीच पार्टी पर अधिकार की जंग और तीखी हो गई है. एनसीपी के अधिकांश विधायकों का समर्थन होने का दावा कर चुके डिप्टी सीएम अजित पवार के गुट ने शरद पवार की दिल्ली में की गई एनसीपी की बैठक को अवैध करार दिया है.
अजित पवार गुट ने एनसीपी के ढांचे पर कई सवाल खड़े करते हुए उसे फ्रॉड बता दिया है. अजित गुट का कहना है कि हम ही असली एनसीपी हैं. कल जो बैठक दिल्ली में हुई वह किस हक से हुई. हमारे संगठन का स्ट्रेक्चर पूरी तरह से फ्रॉड है. एनसीपी पार्टी के संविधान के मुताबिक हर कोई चुनकर आएगा. कोई मनोनीत नहीं होगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा था. किसी को भी नियुक्त कर दिया जा रहा था.
जयंत पाटिल की नियुक्ति को अजित गुट ने बताया फ्रॉड
वहीं अजित पवार का कहना है कि मेरे हस्ताक्षर के बिना ही कई लोगों को नियुक्त किया गया, जबकि पार्टी के संविधान के अनुसार ऐसा नहीं किया जा सकता. चुनाव आयोग के सामने अजीत पवार की ओर से पिटिशन दायर की गई कि एनसीपी उनकी है और उसके वह अध्यक्ष हैं. इसमें कहा गया कि जयंत पाटिल अब हमारे अध्यक्ष नहीं हैं. जयंत पार्टी के संविधान के अनुसार अध्यक्ष नहीं हैं और उनकी नियुक्ति ही फ्रॉड थी. एनसीपी का ढांचा ही फ्रॉड है.