महाराष्ट्र के बुलढाणा (Buldhana) में समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेसवे (Samruddhi Mahamarg Expressway) पर एक भयंकर रोड हादसे (Road Accident) में 26 लोगों की मौत ने स्लीपर बसों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं. बसों की बॉडी तैयार करने वाले डिजाइनरों ने बुलढाणा दुर्घटना को देखने के बाद सभी स्लीपर बसों (Sleeper Bus) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. उन्होंने इन स्लीपर बसों को सड़कों पर दौड़ते हुए ‘ताबूत’ बताया है. बुलढाणा हादसे में जान गंवाने वाले सभी लोग नागपुर से पुणे जाने वाली एक स्लीपर बस में सवार थे.
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के मुताबकि एमएसआरटीसी (MSRTC) बसों का नया लुक तैयार करने वाले रवि महेंदले ने कहा कि स्लीपर बसें यात्रियों को लेटने की सुविधा तो देती हैं, लेकिन वे उनकी आवाजाही के लिए बहुत कम जगह रखती हैं. ये बसें आमतौर पर 8-9 फीट ऊंची होती हैं. इसलिए अगर वे अचानक एक तरफ झुक जाती हैं, तो यात्रियों के लिए आपातकालीन निकास तक पहुंचना असंभव हो जाता है. इसके साथ ही बाहर से बचाव की कोशिश कर रहे लोगों को भी कठिन काम का सामना करना पड़ता है, क्योंकि किसी भी यात्री को बाहर निकालने से पहले उन्हें 8-9 फीट ऊपर चढ़ना पड़ता है.
महेंदले ने कहा कि उन्होंने सड़क परिवहन मंत्रालय को कई खत लिखकर स्लीपर बसों के उत्पादन पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा कि ‘मुझे अब तक कोई जवाब नहीं मिला है.’ उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान को छोड़कर किसी भी दूसरे देश में स्लीपर बसें तैयार नहीं की जाती हैं. इस बीच पुणे और पिंपरीचिंचवाड़ में आरटीओ ने निजी बसों की हालत की जांच के लिए एक अभियान शुरू करने की उम्मीद है. ट्रांसपोर्टरों का ये भी कहना है कि सरकार को सभी हाईवे का अध्ययन करने की जरूरत है.
इसके साथ ही एक्सपर्ट्स ने राजमार्गों पर रफ्तार की सीमा को कंट्रोल करने की जरूरत पर भी जोर दिया. सेव पुणे ट्रैफिक मूवमेंट के हर्षद अभ्यंकर ने कहा कि ‘समृद्धि महामार्ग पर गति सीमा 120 किमी. प्रति घंटा है. लेकिन हमें पहले 100 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चलाने की अपनी क्षमता साबित करनी होगी. सरकार को गति सीमा कम करनी चाहिए और दुर्घटनाओं की संख्या कम होने पर वह इसे धीरे-धीरे बढ़ा सकती है. इसके अलावा ये राजमार्ग सीधा है, कोई मोड़ नहीं है और नजारों में भी ज्यादा बदलाव नहीं है. इससे बोरियत और नींद आती है, जो दुर्घटना का संभावित कारण है.’