इकनम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख नजदीक आ रही है. आखिरी समय पर रिटर्न फाइल करने से अच्छा है कि यह जरूरी काम समय रहते ही निपटा लिया जाए. जल्द रिटर्न फाइल करने पर आपको टैक्स रिफंड भी जल्दी मिल जाएगा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आईटीआर बिल्कुल ठंडे दिमाग से भरना चाहिए. इस काम में जल्दबाजी या लापरवाही भारी पड़ सकती है. कुछ ऐसी गलतियां हैं, जो आयकरदाता से आईटीआर भरते वक्त ज्यादा होती हैं. इन गलतियों को पहले ही जान लेना चाहिए ताकि आप गलती से भी कोई मिस्टेक न कर बैठें.
एक गलती जो बहुत ज्यादा देखने को मिलती है, वो है गलत आईटीआर फार्म का चुनाव. आयकर विभाग ने कई ITR फार्म निर्धारित किए हैं. आय के साधन के आधार पर इन्हें चुनना होता है. लेकिन, बहुत से लोग गलत फार्म का चुनाव कर लेते हैं. आयकर विभाग इसे अस्वीकार कर देता है और टैक्सपेयर को आयकर अधिनियम की धारा 139(5) के तहत रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल करने के लिए कहता है.
आय की गलत जानकारी
यह गलती भी बहुत ज्यादा होती है. कुछ लोग गलती से अपनी आय के सभी स्रोत नहीं बताते, तो कुछ जानबूझकर इन्हें छिपाते हैं. ऐसा नहीं करने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको नोटिस भेज सकता है. बचत खाते के ब्याज और घर के रेंट से होने वाली आय जैसी जानकारियां आईटीआई रिटर्न करते वक्त जरूर दें.
सभी बैंक खातों की डिटेल न भरना
आजकल हर किसी के एक से ज्यादा बैंक खाते हैं. अक्सर होता यह है कि आयकरदाता अपने उन खातों की जानकारी तो दे देता है, जिनका वह ज्यादा इस्तेमाल करता है. लेकिन, कभी कभार प्रयोग किए जाने बैंक अकाउंट की जानकारी नहीं देता. आयकर कानूनों के अनुसार, सभी बैंक खातों की डिटेल आईटीआर में देना जरूरी है. ऐसा न करने भी आपको नोटिस मिल सकता है