भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) इन दिनों इस बात की जांच में जुटा है कि युवाओं को आ रहे हार्ट-अटैक का उन्हें दी गई कोरोना वायरस की वैक्सीन से कोई लेनादेना है या नहीं. आईसीएमआर ने अस्पताल में भर्ती हुए 14 हजार लोगों को स्टडी किया. इस दौरान 600 मरीजों ने घर लौटने के बाद दम तोड़ दिया था. आईसीएमआर की जांच मुख्यता चार बिंदुओं पर आधारित है. बताया गया कि अगले दो सप्ताह में इसकी प्राथमिक रिपोर्ट सामने भी आ जाएगी.
मनी कंट्रोल वेबसाइट से बातचीत के दौरान आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल राजीव बहल ने कहा कि इसकी स्टडी कर रहे शोधकर्ताओं ने कुछ प्राथमिक जांच की है जिसे जल्द ही साझा किया जाएगा. ICMR आकलन को सार्वजनिक करने से पहले इसका रिव्यू करेगा. बताया गया कि रिसर्च इंस्टीट्यूट अचानक बढ़ रहे हार्ट हटैक के मामलों और कोरोना वायरस की वैक्सीन दिए जाने के पीछे चार तरह की स्टडी कर रहा है. बहल ने बताया कि स्टडी के पहले हिस्से में यह जांचा जा रहा है कि युवाओं की अचानक हो रही मृत्यु के पीछे की वजह क्या है. इसमें यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा की मौत प्राकृतिक है या फिर अन्य कारणों से उनकी मृत्यु हुई.
क्या है अचानक आ रहे हार्ट-अटैक की वजह?
ऐसे मृतकों का दिल्ली के एम्स अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया है. रिपोर्ट को रिव्यू किया जा रहा है ताकि यह पता चल सके कि मौत नेचुरल रही या फिर अन्य कारण इसके लिए जिम्मेदार हैं. आईसीएमआर के चीफ ने बताया कि दूसरी स्टडी ‘अचानक आ रहे हार्ट अटैक और उसके कोरोना वैक्सीन, लंबे समय तक कोविड की चपेट में रहना और मरीज की गंभीर स्थिति’ पर आधारित है. राजीव बहल ने कहा, ‘दस्तावेजों के पहले रिव्यू आ चुके हैं. उसमें से हम कुछ सवालों के जवाब दे रहे हैं. जैसे ही इनकी समीक्षा हो जाएगी हम परणामों को जारी कर देंगे.’
अस्पताल गए 14 हजार में से 600 मरीजों ने बाद में दम तोड़ा
उन्होंने कहा, ‘इस स्टडी के दौरान हमने ऐसे लोगों की जांच की जो लोग कोविड-19 की चपेट में आए और अस्पताल में भर्ती हुए. ऐसे लोगों को एक साल तक फॉलो किया गया. 40 अस्पतालों से उनकी डिटेल ली गई. आईसीएमआर की स्टडी के मुताबिक कोरोना महामारी के चलते अस्पताल में भर्ती हुए 14,000 लोगों में से 600 ऐसे लोग पाए गए जिनकी बाद में घर जाने के बाद मृत्यु हो गई. इनमें से कुछ मृत्यु प्राकृतिक थी क्योंकि वो काफी उम्रदराज थे. वो एक से अधिक बीमारियों से ग्रस्त थे.’