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टैक्‍स बचाने में आ रही दिक्‍कत, इन 10 तरीकों से बचा लेंगे लाखों रुपये, जान लीजिए कैसे भरना है आईटीआर

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हर साल की तरह इस बार भी करदाता इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की तैयारी में व्यस्त हैं, क्योंकि आखिरी तारीख समाप्त होने में कुछ ही दिन बचे हैं. आईटीआर फाइलिंग से पहले हर टैक्सपेयर्स टैक्स सेविंग के लिए इन्वेस्टमेंट से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं. हालांकि, कई करदाता यह नहीं जानते होंगे कि भी आईटीआर 2023 दाखिल करते समय टैक्स में छूट पाने के लिए इन्वेस्टमेंट के अलावा अन्य उपाय भी उपलब्ध हैं. आइये आपको बताते हैं वे 10 तरीके जिनके जरिए आयकर अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत टैक्स छूट पा सकते हैं.

टैक्सपेयर्स स्वयं, आश्रित बच्चों, जीवनसाथी और माता-पिता के लिए रोकथाम निवारक जांच पर 5000 रुपये तक की कटौती का दावा आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत कर सकते हैं. वहीं, करदाता जीवन बीमा पॉलिसी के तहत मिली रकम पर कटौती का दावा कर सकते हैं, इसमें ऐसी पॉलिसी जिसमें बोनस के रूप में आवंटित राशि शामिल है और कुछ शर्तों के साथ धारा 10(10डी) के तहत कर से मुक्त है.
आप आयकर अधिनियम की धारा 80C से 80U के तहत बच्चों, माता-पिता और अन्य आश्रितों पर किए गए खर्चों पर भी कटौती के लिए दावा कर सकते हैं. अगर आप किराए के घर में रह रहे हैं तो आप इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 10 (13A) के तहत HRA पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. आप HRA पर इस छूट का दावा कर सकते हैं.
आप पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम्स में एक वित्तीय वर्ष में 3,500 रुपये (व्यक्तिगत खातों के मामले में) और 7,000 रुपये (संयुक्त खातों के मामले में) तक के ब्याज पर कटौती का दावा कर सकते हैं.

इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स, आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत बच्चों की शिक्षा के लिए भुगतान की गई ट्यूशन फीस पर कटौती का दावा कर सकते हैं. हालाँकि, इसके लिए कुछ तय नियम और सीमाएं हैं. इसके अलावा आप इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80E के तहत एजुकेशन लोन पर भुगतान किए गए ब्याज पर कटौती का दावा कर सकते हैं.
लीव ट्रैवल कंसेशन: आप कुछ शर्तों के साथ इनकम टैक्स की धारा 10(5) के तहत छुट्टी पर यात्रा के दौरान होने वाले खर्च के लिए लीव ट्रैवल कंसेशन छूट का दावा भी कर सकते हैं.

राष्ट्रीय पेंशन योजना: सेक्शन 80CCD (1B) के तहत NPS में किए गए योगदान के लिए आप 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त कटौती का दावा कर सकते हैं. नई कर व्यवस्था में, नियोक्ता का एनपीएस, सेवानिवृत्ति या ईपीएफ में 7.5 लाख रुपये से अधिक का योगदान कर योग्य है. लेकिन आप संचित ब्याज व एनपीएस में नियोक्ता के योगदान पर कटौती दावा कर सकते हैं.

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