केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि अमरनाथ तीर्थयात्रियों की यात्रा सुविधाजनक हो और अधिकारियों को जम्मू-कश्मीर में पूरे तीर्थ यात्रा मार्ग पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने का निर्देश दिया. गृह मंत्री ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही, जहां उन्होंने केंद्र सरकार, सेना और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के साथ अमरनाथ यात्रा की तैयारियों का जायजा लिया. दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ की पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 62 दिवसीय वार्षिक तीर्थयात्रा एक जुलाई से शुरू होगी और 31 अगस्त तक जारी रहेगी.
बैठक के दौरान, गृह मंत्री ने कहा कि यह नरेन्द्र मोदी सरकार की प्राथमिकता है कि अमरनाथ तीर्थयात्रियों को आराम से ‘दर्शन’ हो और किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, उन्होंने अधिकारियों को अमरनाथ यात्रा के पूरे मार्ग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए. तीर्थयात्री जम्मू – कश्मीर में दो मार्गों – बालटाल और पहलगाम – से यात्रा करते हैं. बैठक में बताया गया कि सभी तीर्थयात्रियों को आरएफआईडी कार्ड दिए जाएंगे ताकि उनकी वास्तविक वर्तमान स्थिति (रियल टाइम लोकेशन) का पता लगाया जा सके और सभी को 5 लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाएगा. तीर्थयात्रियों को ले जाने वाले प्रत्येक जानवर के लिए 50,000 रुपये का बीमा कवर होगा.
श्रीनगर-जम्मू से रात में हवाई सेवा उपलब्ध होगी
अमित शाह ने तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन से तीर्थस्थल आधार शिविर तक के मार्ग पर सुचारू व्यवस्था करने पर जोर दिया और श्रीनगर और जम्मू से रात में हवाई सेवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. गृह मंत्री ने ऑक्सीजन सिलेंडरों का पर्याप्त भंडार और उनकी रिफिलिंग सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया तथा डॉक्टरों की अतिरिक्त टीमों की उपलब्धता के लिए कहा. उन्होंने किसी भी मेडिकल इमरजेंसी से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में शय्या और एंबुलेंस और हेलीकॉप्टर की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. शाह ने तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा, ठहरने, बिजली, पानी, संचार और स्वास्थ्य सहित सभी आवश्यक सुविधाओं की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए. उन्होंने तीर्थाटन मार्गों पर बेहतर संचार व्यवस्था सुनिश्चित करने और भूस्खलन की स्थिति में मार्गों को तुरंत खोलने के लिए मशीनों की तैनाती के निर्देश दिए.