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मोटापा हो सकता है जानलेवा, सबसे पहले इन अंगों को करता है बीमार

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भारत में मोटापे को बढ़िया खानपान और सुख समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है. हालांक‍ि वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गनाइजेशन और अमेरिकी मेडिकल एसोसिएशन कई साल पहले मोटापे को गंभीर वैश्विक समस्‍या बताते हुए इस बीमारी से बचने की सलाह दे चुके हैं. हालांक‍ि पिछले कुछ समय से भारत में मोटापे की वजह से कई गंभीर रोगों की चपेट में आ रहे लोगों की संख्‍या में बढ़ोत्‍तरी हो रही है, लिहाजा स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ जानलेवा गंभीर बीमारियों को पैदा कर रहे मोटापे को लेकर सचेत कर रहे है.

एंडोक्राइन सोसायटी ऑफ इंडिया के पूर्व अध्‍यक्ष और एंडोक्राइनोलॉजिस्‍ट डॉ. संजय कालरा बताते हैं कि अभी तक भारत में मोटापे को लेकर सबसे पहले ये स्‍वीकार करना जरूरी है कि यह एक बीमारी है क्‍योंक‍ि इसका इलाज भी तभी संभव होगा जबक‍ि इसे बीमारी समझा जाएगा. बेहद दिलचस्‍प बात है क‍ि मोटापा अकेले नहीं आता. यह अपने साथ करीब 200 तरह की बीमारियां पीछे-पीछे लेकर आता है. इनमें भी ज्‍यादातर बीमारियां ऐसी हैं जो काफी गंभीरता से अंगों को प्रभावित करती हैं और हालात खराब होने पर मरीज की जान तक चली जाती है.

मोटापे के चलते होने वाली ये हैं बीमारियां
डॉ. संजय कालरा बताते हैं कि 200 प्रकार की बीमारियों में से इन 9 अंगों से जुड़ी बीमारियां सबसे ज्‍यादा प्रभावित कर रही हैं. कई रिसर्च और अध्‍ययनों में भी सामने आया है कि मोटापा आज सबसे ज्‍यादा परेशानियां पैदा कर रहा है.

. मेटाबोलिक संबंधी बीमारियां- डॉ. कालरा कहते हैं क‍ि मेटाबोलिक संबंधी बीमारियों में डायबिटीज, हाई या लो ब्‍लड प्रेशर, हार्ट और ब्रेन डिजीज, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, सेरेब्रोवैस्‍कुलर डिजीज, पित्‍त की थैली में पथरी, फैटी लिवर या लिवर का बढ़ जाना आदि आती हैं.

. मस्‍कुलोस्‍केलिटल या मांसपेशियों वाले रोग- जोड़ों का दर्द, ऑस्टियोअर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस, सार्कोपैनिक मोटापा आदि बीमारी इसमें आती हैं.

 साइकोलॉजिकल या मानसिक रोग- मोटापे का मानसिक रोगों से सीधा संबंध है. अगर कोई व्‍यक्ति मोटा है तो उसे मानसिक परेशानियां होने की संभावना सबसे ज्‍यादा है. वहीं अगर कोई व्‍यक्ति मेंटल हेल्‍थ संबंधी रोगों से जूझ रहा है तो उसके मोटा होने के चांसेज सबसे ज्‍यादा हैं. इस केटेगरी में अवसाद, तनाव, एंग्‍जाइटी, सोशल स्टिग्‍मा, ईटिंग डिसऑर्डर्स, नींद न आना या नींद का ठीक तरह न आना आदि आते हैं.

.कॉस्‍मेटिक संबंधी परेशानियां- मोटे लोगों में चेहरे पर झाइयां और हाइपरपिग्‍मेंटेशन होने की भी शिकायत पैदा हो जाती है, वहीं अगर वजन घट जाता है तो शरीर पर निशान पैदा हो जाते हैं. गर्दन, पेट, हाथ, पैर या शरीर के मुड़ने वाले हिस्‍सों की त्‍वचा पर चकत्‍ते पड़ना, खुजली होना, पानी आना आदि की भी परेशानी हो सकती है.

मेलिग्‍नेंसी यानि ब्रेस्‍ट कैंसर, एंडोमेट्रियल- मोटापे के चलते 13 तरह के कैंसर होने की संभावना होती है. वहीं कुछ विशेष प्रकार के कैंसर जैसे महिलाओं में ब्रेस्‍ट कैंसर और यूट्रस में होने वाला एंडोमेट्रियल कैंसर होने की आशंका भी मोटापे के कारण ज्‍यादा होने के चांसेज रहते हैं.

. मेटर्निटी संबंधी बीमारियां- ज्‍यादा मोटापे के चलते महिलाओं को गर्भधारण या प्रेग्‍नेंसी करने में समस्‍या आती है. बांझपन की शिकायत पैदा हो सकती है, इसके अलावा पॉलिसिस्‍ट‍िक ओवरी सिंड्रोम जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं.

. मैस्‍कुलिनिटी संबंधी बीमारियां- मोटापे के कारण लोगों में स्‍पर्म की गुणवत्‍ता कम हो जाती है. इसे अल्‍पशुक्राणुता यानि ऑलिगोस्‍पेर्मिया भी कहते हैं. मोटे लोगों में स्‍पर्म कम बनते हैं.

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