इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का सीज़न आ गया है. जून में फॉर्म 16A आता है और उसके बाद 31 जुलाई तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा. अगर आप नौकरीपेशा हैं तब तो आपकी सीटीसी का जो HRA वाला हिस्सा है, उसमें आपको टैक्स में छूट मिल जाएगी. आपको बस एक रेंट स्लिप जमा करनी होगी और ज़रूरत पड़ने पर अपने मकान मालिक का पैन कार्ड देना होगा. पर क्या सेल्फ एम्प्लॉयड लोगों को घर के किराए के बदले टैक्स में छूट मिल सकती है?
जवाब है हां. अगर आप सेल्फ एम्प्लॉय्ड हैं या फिर अगर आपकी कंपनी आपको HRA नहीं देती है, तो भी आप घर के किराए पर टैक्स में छूट पा सकते हैं. इनकम टैक्स के पुराने रेजिम में इसके लिए स्पेशल सुविधा है. इनकम टैक्स कानून का सेक्शन 80GG खासतौर पर उनके लिए बना है जो सेल्फ एम्प्लॉय्ड हैं या फिर जिन्हें HRA नहीं मिलता है.
क्या है किराए पर टैक्स में छूट पाने की कंडीशन?
– किराए पर टैक्स में छूट केवल कोई इंडिविजुअल या हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली को मिल सकती है. इसमें किसी बिजनेस को छूट नहीं दी जाएगी.
– किराए पर टैक्स में छूट पाने का इच्छुक शख्स जिस शहर में किराए पर रहता है, उस शहर में उसके, उसकी पत्नी या उसके माइनर बच्चों के नाम पर कोई मकान नहीं होना चाहिए. ऐसा होने पर इस नियम के तहत उसे टैक्स में छूट नहीं मिलेगी.
– अपने माता-पिता के साथ रहने वाले व्यक्ति अगर अपने माता-पिता को घर का किराया देते हैं तो वो भी 80GG के तहत टैक्स बेनिफिट के हकदार हैं. इसके लिए उन्हें अपने माता-पिता के साथ रेंट अग्रीमेंट साइन करना होगा, इसके साथ ही उनके माता-पिता को इस रकम पर टैक्स चुकाना होगा.
– टैक्स में छूट पाने के लिए इंडिविजुअल्स को फॉर्म 10BA भरकर जमा करना होगा.
– HRA की तरह ही साल का किराया एक लाख रुपये से ऊपर होने पर मकान मालिक के पैनकार्ड की डिटेल्स देनी होगी.
कितनी छूट मिल सकती है?
नियम के मुताबिक, नीचे लिखे तीन में से जो अमाउंट सबसे कम होगा उस पर 80GG के तहत टैक्स में छूट मिलेगी-
1. महीने का 5000 रुपये किराया यानी साल के 60 हजार रुपये.
2. सालाना इनकम का 25 प्रतिशत
3. सालाना रेंट माइनस सालाना इनकम का 10 प्रतिशत