भारत में ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) का क्रेज बढ़ता जा रहा है. अमजेन और फ्किपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स काफी पॉपुलर हैं. सेल और ऑफर्स के चलते यहां सामान बेहद सस्ता मिल जाता है. इसी के चलते ऑनलाइन मार्केट में इनका दबदबा है. हालांकि क्या आप जानते हैं कि एक वेबसाइट्स ऐसी है जहां और भी सस्ता सामान मिल रहा है. आज हम आपको इस वेबसाइट के बारे में बताने जा रहे हैं. इसे ‘सरकार के अमेजन’ के नाम से जाना जाता है.
सरकार ने सभी मंत्रालयों से चालू वित्त वर्ष के लिए अपनी ‘खरीद क्षमता’ को मैप करने और सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) के माध्यम से अधिकतम खरीद का लक्ष्य रखने के लिए एक प्रमुख अभ्यास शुरू किया है. मोदी सरकार की तरफ से सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए शुरू की गई मुहिम अब दुनिया का नंबर-2 ई-मार्केटप्लेस बन चुकी है. सरकारी खरीद वेबपोर्टल GeM (Goverment E Marketplace) ने 2 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच चुका है.
पहले जानते हैं क्या है GeM?
GeM (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) दरअसल एक इंटरनेट आधारित बाजार है, जहां सरकारी खरीद होती है. इस सरकारी खरीद में केंद्र व राज्य सरकारों के मंत्रालय, विभाग, पब्लिक सेक्टर कंपनियां, स्थानीय निकाय और सहकारी संगठन शामिल हैं यानी इन सभी में यदि एक छोटी सी सुई भी खरीदी जाएगी तो वह GeM पोर्टल से ही खरीदना अनिवार्य है. GeM पर मौजूदा समय में 64,403 सरकारी खरीददार संगठन मौजूद हैं, जो 10742 प्रोडक्ट और 271 सेवाओं के लिए इस पोर्टल का इस्तेमाल करते हैं. पांच साल के भीतर ही GeM दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी ई- खरीददारी का प्लेटफार्म बन गया है.
लगातार बढ़ रहा है GEM पर कारोबार
वित्तीय वर्ष 2022-2023 में, GeM से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद ने 2 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया. 2016 में GeM पोर्टल लॉन्च होने के बाद करीब 400 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ और दूसरे साल GeM ने करीब 5,800 करोड़ रुपये का कारोबार किया. GEM ने पहले साल 2016-17 में 422 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था, जो साल 2021-22 में बढ़कर 1.06 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया. वहीं, पहले साल जहां 6 हजार ऑर्डर इस पोर्टल से किए गए थे, वहीं पिछले साल ये बढ़कर 33 लाख ऑर्डर से ज्यादा हो गए हैं.