2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर किए जाने की घोषणा के बाद लोगों के मन में सवाल है कि क्या अब इसे अवैध भी घोषित किया जाएगा. अभी तक आरबीआई ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है. हालांकि, आरबीआई के सूत्रों के हवाले से चल रही खबरों की मानें तो अगर 30 सितंबर तक 2000 के अधिकांश नोट अगर वापस बैंकों के पास नहीं आए तो आरबीआई सख्त कदम उठा सकता है. खबरों के अनुसार, अगर लगभग सारे नोट वापस आ जाते हैं तो इसे अवैध करेंसी घोषित करने की फिलहाल कोई जरूरत नहीं पड़ेगी.
हालांकि, उनका यह भी कहना है कि आरबीआई ने जितने नोटों की वापसी का अनुमान लगाया है अगर उससे बहुत कम नोट बैंकों में लौटे तो सख्त कदम उठाया जा सकता है. जिन लोगों के पास ये नोट होंगे उनसे नोट वापसी सुनिश्चित कराने के लिए आरबीआई नियमों को सख्त बनाने पर विचार करेगा. फिलहाल इसे वैध करेंसी रखा गया है ताकि विदेशों में रह रहे लोग या फिर जिनकी वाकई कोई परेशानी है और वे नोट नहीं जमा कर पा रहे उन्हें समय मिल सके.
कितने नोट सर्कुलेशन में हैं
पिछले हफ्ते शुक्रवार को आरबीआई ने बताया था कि 2000 रुपये के जो नोट सर्कुलेशन में हैं उनकी कुल वैल्यू 3.62 लाख करोड़ रुपये है. यह बाजार में मौजूद सभी करेंसी का केवल 10.8 फीसदी हिस्सा है. वहीं, करीब 5 साल पहले 31 मार्च 2018 को 2000 रुपये के जो नोट सर्कुलेशन में थे उनकी वैल्यू 6.73 लाख करोड़ रुपये थी. तब चलन में मौजूद कुल नोटों का यह 30 फीसदी से अधिक हिस्सा था.
नोट बदलने के लिए न मचाएं भगदड़
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास से लोगों से आग्रह किया है कि बैंकों में एक साथ जाकर भीड़ लगाने की कोई जरूरत नहीं है. आप धीरे-धीरे नोटों को बदल सकते हैं. एक दिन में 2000 के 10 नोट बदले जा सकते हैं. इसके लिए आम जन के पास 4 महीने का समय है. एक दिन में 20,000 रुपये तक बदलने के लिए कोई फॉर्म भरने या आईडी दिखाने की जरूरत नहीं है. गौरतलब है कि 2016 में नोटबंदी के बाद कैश की कमी को पूरा करने के लिए 2000 रुपये के नोट जारी किए गए थे. अब आरबीआई ने ‘क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत इन्हें चलन से बाहर करने का फैसला किया है.