देश में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले खूब सामने आ रहे हैं. इन मामलों में दिनों दिन इजाफा रिकॉर्ड किया जा रहा है. करीब 39 प्रतिशत भारतीय परिवार पिछले तीन साल के दौरान ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी (Online Financial Fraud) का शिकार बने हैं. इनमें से सिर्फ 24 फीसदी को ही उनका पैसा वापस मिल पाया है. लोकल सर्किल्स की मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.
सर्वे में 23 फीसदी लोगों ने कहा कि वे क्रेडिट या डेबिट कार्ड धोखाधड़ी (Credit Card Fraud) का शिकार बने. वहीं 13 फीसदी का कहना था कि उन्हें खरीद, बिक्री और वर्गीकृत साइट उपयोगकर्ताओं द्वारा धोखा दिया गया.
सर्वे के अनुसार, 13 फीसदी लोगों का कहना था कि वेबसाइट द्वारा उनसे पैसा ले लिया गया, लेकिन उत्पाद नहीं भेजा गया. 10 फीसदी ने कहा कि वे एटीएम कार्ड धोखाधड़ी का शिकार बने. अन्य 10 फीसदी ने कहा कि उनके साथ बैंक खाता धोखाधड़ी की गई. वहीं 16 फीसदी ने बताया कि उनको कुछ अन्य तरीके अपनाकर चूना लगाया गया.
आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि सर्वे में शामिल 30 फीसदी परिवारों में से कोई एक सदस्य वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार बना है. वहीं 9 फीसदी ने कहा कि उनके परिवार के कई सदस्य इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार बने.
57 फीसदी का कहना था कि वे और उनके परिवार का कोई भी सदस्य इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार बनने से बच गए. चार फीसदी ने इस बारे में स्पष्ट रूप से अपनी राय नहीं बताई. सर्वे में देश के 331 जिलों के 32,000 लोगों की राय ली गई. इनमें 66 फीसदी पुरुष और 34 प्रतिशत महिलाएं थीं.
सर्वे में शामिल 39 फीसदी लोग पहली श्रेणी के शहरों से, 35 प्रतिशत दूसरी श्रेणी और 26 फीसदी तीसरी और चौथी श्रेणी के शहरों और ग्रामीण जिलों के थे.