भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक का जिक्र करते हुए इसे भारतीय वायुसेना की ताकत बताया है. उन्होंने कहा कि 2019 में बालाकोट हमले ने यह दिखाया है कि अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति मजबूत हो तो ‘नो वॉर, नो पीस’ परिद्रश्य में भी देश की वायुसेना की ताकत का इस्तेमाल प्रभावी ढ़ंग से दुश्मन को सबक सिखाने के लिए किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वायुसेना के बल पर ही परमाणु हमले के दौरान भी हालात को नियंत्रण में रखा जा सकता है.
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि ‘अंतर्निहित लचीलेपन’ और ‘बेजोड़’ सटीक मारक क्षमता के कारण हवाई शक्ति पसंद का विकल्प बन गई है. उन्होंने कहा, ‘बालाकोट जैसे अभियानों ने यह भी प्रदर्शित किया है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति के मद्देनजर हवाई शक्ति को ‘युद्ध नहीं, शांति नहीं’ के परिदृश्य में भी परमाणु खतरे के बीच और पूर्ण युद्ध की स्थिति में जाए बिना प्रभावी रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है.’
एअर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा, ‘यह हमारे विरोधियों की प्रकृति को देखते हुए बहुत महत्वपूर्ण है. नेतृत्व के लिए उपलब्ध प्रतिक्रिया विकल्प अचानक बढ़ गए हैं और तेजी से, हवाई शक्ति अंतर्निहित लचीलेपन तथा बेजोड़ सटीक हमले की क्षमता के कारण पसंद का विकल्प बन गई है.’ वह ‘वायु अंतरिक्ष शक्ति: भविष्य के अंतरिक्ष युद्ध अभियान की धुरी’ पर आयोजित एक गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे.