जब किसी को एकसाथ ज्यादा फंड जुटाने की जरूरत होती है तो लोग अक्सर बैंक से लोन ले लेते हैं. लेकिन बाद में लंबे समय तक इसकी ईएमआई चुकानी पड़ती है जिसके साथ आपसे मोटा ब्याज भी वसूल किया जाता है. अगर आपके लोन की अवधि अभी पूरी नहीं हुई है और आपके पास उसे चुकाने के लिए पूरे पैसे हैं तो आप इसे तय अवधि से पहले भी चुका सकते हैं यानी लोन फोर-क्लोजिंग करा सकते हैं.
हालांकि, लोन फोर-क्लोजिंग कराते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. इसके कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हो सकते हैं. आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि आपके लिए लोन फोर-क्लोजिंग कराना फ़ायदेमंद होगा या नुकसानदेह.
लोन फोर-क्लोजिंग के ये हैं फायदे
जब आप समय से पहले भुगतान करते हैं तो इससे लोन पर लगने वाला ब्याज बच जाता है. अगर आपने एक से ज्यादा लोन ले रखे हैं तो पहले उस लोन को चुका सकते हैं जिसकी ब्याज दर ज्यादा है. इस तरह आप पर्सनल लोन, कार या बाइक लोन, क्रेडिट कार्ड ईएमआई आदि को एक-एक करके चुका सकते हैं. वहीं आपके पास लोन ट्रांसफर करने का ऑप्शन भी रहता है. आप ज्यादा ब्याज दर वाले बैंक से किसी कम ब्याज दर वाले बैंक में अपना लोन ट्रांसफर करा सकते हैं.
समय से पहले लोन चुकाने पर लगता है चार्ज
कई बैंक समय से पहले लोन चुकाने पर कस्टमर्स से इसके लिए चार्ज वसूल करते हैं. अगर आप अपने किसी लोन की फोर-क्लोजिंग कराने का सोच रहे हैं तो पहले बैंक में इसे लेकर पूछताछ कर लेनी चाहिए. कई बैंक बची हुई लोन की राशि का 1 से 5 फीसदी तक चार्ज वसूल करते हैं. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि उन्हें ब्याज पर होने वाले नुकसान की कुछ भरपाई की जा सके. फोर-क्लोजिंग चार्ज और बची हुई ईएमआई पर ब्याज दोनों की कैलकुलेशन करके आप लोन चुकाने या नहीं चुकाने का फैसला कर सकते हैं.