EPF में अंशदान करने वाले ज्यादातर कर्मचारियों को 2021-22 के ब्याज का पैसा नहीं मिला है. इस बीच EPFO ने 2022-23 के लिए इंटरेस्ट रेट 8.15 फीसदी कर दिया है. EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने पीएफ का इंटरेस्ट रेट 0.05 फीसदी बढ़ाया है. हालांकि, EPFO के ट्रस्टीज की मुहर के बाद बढ़ी हुई ब्याज दर पर सरकार की मंजूरी मिलना बाकी है. 2022-23 के लिए तय की गई ब्याज दर की वित्त मंत्रालय भी समीक्षा करेगा और फिर इसके बाद ब्याज का पैसा खाते में आने का रास्ता साफ होगा. सवाल है कि हर बार ऐसा क्यों होता है कि EPF अकाउंट में ब्याज का पैसा देरी से क्रेडिट होता है जबकि पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड में हर साल 31 मार्च को इंटरेस्ट क्रेडिट हो जाता है.
वित्तवर्ष 2020-21 के लिए पीएफ पर ब्याज दर मार्च में निर्धारित कर दी थी, लेकिन खाताधारकों को ब्याज की राशि का भुगतान देरी से हुआ. ऐसे में सवाल उठता है आखिर यह देरी क्यों होती है और क्या पीएफ खाते में ब्याज का पैसा देरी से आने पर कर्मचारी को नुकसान होता है.
ब्याज के पैसे में देरी के सवाल पर EPFO का जवाब
EPFO दुनिया का सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा संगठन है. इसके बावजूद पीएफ खाताधारकों को उनके ब्याज का पैसा समय पर नहीं मिल पाता है. ऐसा नहीं है कि ईपीएफ अकाउंट में ब्याज पिछले कुछ वर्षों से देरी से क्रेडिट हुआ है बल्कि बीते कई वर्षों से स्थिति यही रही है. ईपीएफओ बोर्ड की ओर से ब्याज दरें निर्धारित किए जाने के बावजूद खाताधारकों को काफी देर से पैसा मिला है.