.रक्षा मंत्रालय के तहत मान्यता प्राप्त एसोसिएशन “इंडियन डिफेंस सर्विस ऑफ इंजीनियर्स (Indian Defence Service of Engineers ) एसोसिएशन” की वार्षिक बैठक (AGBM) लखनऊ में आयोजित की हुई. बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव बाजपेई के साथ-साथ दिल्ली समेत विभिन्न राज्य से कई अधिकारी शामिल हुए. बैठक को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव बाजपेयी ने कहा कि यह संगठन रक्षा मंत्रालय जैसे देश के अहम मंत्रालय के अधीन अपनी सेवाएं दे रहा है. ये हमारे लिए बेहद गर्व की बात है.
संजीव बाजपेई ने बताया कि हमारा संगठन हर परिस्थिति में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए जाना जाता है. हमने कभी भी रक्षा मंत्रालय को मायूस नहीं किया है और हमारे अधिकारियों , कर्मचारियों द्वारा शत-प्रतिशत योगदान दिया रहा है. संजीव बाजपेयी ने दक्षता में तेजी लाने के लिए चौथे कैडर की समीक्षा की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला.
बता दें कि इंडियन डिफेंस सर्विस ऑफ इंजीनियर्स (IDSE) 17 सितंबर 1949 को MES में वरिष्ठ स्तर के अधिकारी प्रदान करने के लिए अस्तित्व में लाया गया. IDSE मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज का मुख्य स्तंभ है, जो सशस्त्र बलों, भारतीय तट रक्षक, रक्षा के R & D संगठन को लद्दाख के उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दूरस्थ क्षेत्र, लक्ष्यद्वीप और उत्तर पूर्व क्षेत्र में बुनियादी ढांचा और रखरखाव में सेवाएं प्रदान करता है. इसके पूरे भारत में 31 अध्याय हैं. वहीं अधिकारियों की बात करे तो एमईएस में आईडीएसई अधिकारियों की संख्या लगभग 1077 हैं. इससे पता चलता है कि यह संगठन कितना महत्वपूर्ण है और किस तरह के कामों को अंजाम दे रहा है.