देश के बैंक अपने यहां पॉजिटिव पे सिस्टम (Positive Pay System) लागू कर चुके हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग धोखाधड़ी को रोकने के लिए इस सिस्टम को शुरू करने का फैसला किया था. आरबीआई ने 01.01.2021 से पॉजिटिव पे सिस्टम को लागू करने के लिए बैंकों के लिए एक गाइलाइंस जारी किया था.
आरबीआई ने सिफारिश की थी कि इस सुविधा का इस्तेमाल करना अकाउंटहोल्डर के विवेक पर है. बैंक 5 लाख रुपये और उससे अधिक की राशि के चेक के मामले में इसे अनिवार्य बनाने पर विचार कर सकते हैं.
क्या है पॉजिटिव पे सिस्टम
पॉजिटिव पे सिस्टम भारतीय नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन (NPCI) की ओर से बनाया गया एक मेकैनिज्म है, जिसके लिए ग्राहकों को उनके द्वारा जारी किए जा रहे चेक की जानकारी उस बैंक को देनी होती है जहां उनका सेविंग अकाउंट होता है. क्लीयरेंस के लिए चेक पेश करने से पहले इन जानकारी को शेयर करना होता है. मालूम हो कि चेक की जानकारी को कई तरीकों से प्रस्तुत किया जा सकता है
धोखाधड़ी को कैसे रोकेगा PPS
पीपीएस के तहत चेक जारी करने वाले को एसएमएस, मोबाइल ऐप, नेट बैंकिंग या एटीएम से बैंक को चेक की डिटेल देनी होगी. जब चेक बैंक पहुंचेगा तो अकाउंट होल्डर की तरफ से दी गई जानकारी की जांच की जाएगी. इस दौरान गड़बड़ी पाए जाने पर चेक रिजेक्ट कर दिया जाएगा.