Home आर्थिक राज्य का वित्तीय प्रबंधन बहुत बेहतर: डॉ. रमन सिंह

राज्य का वित्तीय प्रबंधन बहुत बेहतर: डॉ. रमन सिंह

विकास मूलक कार्यों और सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं पर खर्च करने में छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन रहा सर्वश्रेष्ठ।

218
0

रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार का वित्तीय प्रबंधन बहुत बेहतर है, उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक की वर्ष 2016-17 की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि ऋण भुगतान पर राजस्व व्यय, विकासमूलक कार्यों पर और सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं पर खर्च करने में छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा है। उन्होंने कहा-हमारे बजट प्रबंधन में दूरदर्शिता का अभाव नहीं है। हमने न सिर्फ अल्प अवधि, बल्कि दीर्घ अवधि को ध्यान में रखकर बजट को वित्तीय प्रबंधन पर फोकस किया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई) और क्रिसिल जैसी एजेंसी की अध्ययन रिपोर्ट में भी छत्तीसगढ़ के वित्तीय प्रबंधन को बेहतर माना गया है, इन संस्थाओं ने हमारे वित्तीय प्रबंधन की कामयाबी को चिन्हांकित किया है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में तृतीय अनुपूरक बजट पर बताया कि गैर विशेष राज्यों के अंतर्गत छत्तीसगढ़ ने इस अवधि में अपने बजट का 22.7 प्रतिशत व्यय किया है, जबकि राज्यों का औसत 12.8 प्रतिशत है, उन्होंने इसी तरह सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं में छत्तीसगढ़ ने 15.8 प्रतिशत राशि खर्च कर देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है, जबकि अन्य राज्यों का औसत 7.9 प्रतिशत है। छत्तीसगढ़ ने सामाजिक क्षेत्र पर अन्य राज्यों की तुलना में लगभग दोगुना व्यय किया है। उन्होंने बताया कि ऋण भुगतान पर राजस्व व्यय छत्तीसगढ़ ने 4.6 प्रतिशत किया है, जबकि राज्यों का औसत 11.4 प्रतिशत है। डॉ. सिंह ने बताया-सबके साथ-सबका विकास की भावना के अनुरूप समावेशी विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर छत्तीसगढ़ सरकार विभिन्न योजनाओं में अपने बजट से अनुसूचित जनजातियों के लिए 36 प्रतिशत और अनुसूचित जातियों के लिए 12 प्रतिशत राशि खर्च कर रही है। डॉ. रमन सिंह ने ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ’क्रिसिल’ की वर्ष 2013 से 2017 तक की अध्ययन रिपोर्ट का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि छत्तीसगढ़ ने राजकोषीय घाटे को निर्धारित सीमा के भीतर रखने में सफलता हासिल की है, यह सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जी.एस.डी.पी) के प्रतिशत के रूप में देश में न्यूनतम ऋणभार वाला राज्य है। वर्ष 2013 से 2017 की अवधि में छत्तीसगढ़ की वार्षिक जी.एस.डी.पी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रिकार्ड की गई, जो इसी अवधि में राष्ट्रीय औसत 6.9 प्रतिशत से अधिक रही। इस प्रकार छत्तीसगढ़ ने आर्थिक प्रगति में सफलता हासिल की है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि ग्रॉस वेल्यू एडेड (जीव्हीए) में मेन्यूफेक्चरिंग सेक्टर के अंतर्गत छत्तीसगढ़ का योगदान 16.4 प्रतिशत से बढ़कर 22.6 प्रतिशत हो गया है, जो देश में सर्वाधिक है। लेबर इन्टेसिंव सेक्टर में गुजरात के बाद छत्तीसगढ़ 10.6 प्रतिशत के साथ सर्वाधिक ग्रॉस वेल्यू एडेड वृद्धि हासिल करने वाला राज्य है। मेन्यूफेक्चरिंग सेक्टर, व्यापार, होटल और परिवहन सेवाओं में छत्तीसगढ़ को नये रोजगार सृजन के मानकों में देश में 11 प्रतिशत की वृद्धि के साथ दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। बिजली, रसोई गैस, पेयजल आपूर्ति और अन्य जन उपयोगी सेवाओं में 16.77 प्रतिशत वृद्धि के साथ छत्तीसगढ़ पहले स्थान पर आया है, जो राष्ट्रीय औसत 4.7 प्रतिशत से लगभग चार गुना ज्यादा है। डॉ. सिंह ने बताया कि राज्य सरकार की नई उद्योग नीति के आकर्षक प्रावधानों के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ में कोर सेक्टर के औद्योगिक उत्पादन में भी लगातार वृद्धि हो रही है। हमारी उद्योग नीति के क्रियान्वयन का सकारात्मक असर हो रहा है। नया निवेश आ रहा है। बस्तर जिले के नगरनार में राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एन.एम.डी.सी) के निर्माणाधीन विशाल इस्पात संयंत्र के लिए 18 हजार करोड़ रूपए का निवेश हुआ है, इसकी सारी तैयारी कर ली गई है। बस्तर अब रेल्वे और विमान कनेक्टिविटी से भी जुड़े रहा है। स्टील का उत्पादन राज्य निर्माण के समय 4.4 मिलियन टन के आसपास था, जो आज बढ़कर 15 मिलियन टन हो गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013-14 की स्थिति में सीमेंट का उत्पादन में 8.5 मिलियन टन होता था, जो आज 19.8 मिलियन टन तक पहुंच गया है। एल्युमिनियम का उत्पादन एक लाख टन से बढ़कर 3.45 लाख टन तक पहुंच गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here