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कुपोषण मुक्ति और महिला सशक्तिकरण में मिली उत्साहजनक सफलता: रमशीला साहू।

महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री ने दी 14 वर्षों की उपलब्धियों की जानकारी।

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रायपुर, महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री श्रीमती रमशीला साहू ने कहा कि बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए छत्तीसगढ़ में विगत 14 वर्ष में चलाए गए अभियानों को उत्साहजनक सफलता मिली है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की प्रेरणा से दोनों अभियान अब छत्तीसगढ़ में जन-आंदोलन बन चुके हैं। महिलाओं के आर्थिक स्वावलम्बन के लिए लगभग 33 हजार स्व-सहायता समूह बनाकर उन्हें छत्तीसगढ़ की महिला-कोष की योजना के तहत लगभग 70 करोड़ रूपए का ऋण दिया जा चुका है। श्रीमती साहू ने बताया-कुपोषण मुक्ति के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों के स्तर पर चल रही गतिविधियों के फलस्वरूप प्रदेश में कुपोषण की दर काफी कम हो गई है। उन्होंने कहा कि कुपोषण के खिलाफ लड़ाई हम सबके के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसमें सरकार के प्रयासों को समाज की भागीदारी से लगातार अच्छी सफलता मिल रही है। श्रीमती साहू ने पत्रकार वार्ता में बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग का बजट विगत 14 वर्ष में 192 करोड़ रूपए से बढ़कर 1810 करोड़ 21 लाख रूपए और समाज कल्याण विभाग का बजट 96 करोड़ रूपए से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2017-18 में बढ़कर 865 करोड़ 12 लाख हो गया है। श्रीमती रमशीला साहू ने बताया-राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2005-06 में राज्य में कुपोषण की दर 47.1 प्रतिशत थी, जो वह 2015-16 में घटकर 37.7 प्रतिशत और पिछले वर्ष 2016 में 30 प्रतिशत के आसपास रह गई। इतना ही नहीं, बल्कि कुपोषण के कारण बच्चों में बौनेपन की जो समस्या आती है, उसमें भी काफी कमी आई है। कुपोषण के एक पैमाने में उम्र के अनुसार ऊंचाई में वर्ष 2004 में लगभग 52.9 प्रतिशत बच्चों में बौनापन पाया गया था, जो वर्ष 2015-16 में घटकर 38.7 प्रतिशत रह गया। इस प्रकार बौनेपन की स्थिति में 15.3 प्रतिशत की कमी आई है। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार को भारत सरकार ने इस वर्ष विगत सितम्बर माह में सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में पुरस्कृत किया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्थानीय बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, वजन त्यौहार के आयोजन के साथ-साथ नवाजतन कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। महतारी जतन योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत स्थानीय गर्भवती माताओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों में प्रत्येक सप्ताह में छह दिन पौष्टिक भोजन दिया जाता है। इसके लिए पौष्टिक थाली कार्यक्रम भी शुरू किया गया है, जिसमें उन्हें चावल, दाल, रोटी, सब्जी सहित सलाद, पापड़ और गुड़ भी परोसा जाता है। वर्तमान में एक लाख 60 हजार महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल रहा है। श्रीमती साहू ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में ही मुख्यमंत्री अमृत योजना के तहत तीन वर्ष से छह वर्ष तक आयु समूह के लगभग आठ लाख बच्चों को प्रत्येक सोमवार 100 मिलीलीटर सुगंधित मीठा दूध दिया जा रहा है। कुपोषण की दर को और कम करने के लिए हाल ही में मुख्यमंत्री सुपोषण मिशन शुरू किया गया है। श्रीमती साहू ने बताया – वर्ष 2003-04 में राज्य में 21 हजार 125 आंगनबाड़ी केन्द्र थे, जिनकी संख्या आज की स्थिति में 50 हजार से अधिक हो गई है, वहीं इन केन्द्रों में पौष्टिक आहार और टीकाकरण जैसी स्वास्थ्य सेवाओं से लाभान्वित होने वाले बच्चों और उनकी शिशुवती तथा गर्भवती माताओं की संख्या 17 लाख 50 हजार से बढ़कर वर्तमान में 27 लाख तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि कुपोषण मुक्ति के लिए सरकार के प्रयासों को समाज का भी अच्छा सहयोग मिल रहा है। समाज की भागीदारी के बिना किसी भी प्रकार की योजना को सफलता नहीं मिल सकती। उन्होंने कुपोषण मुक्ति अभियान में प्रदेश के प्रबुद्धजनों से अधिक से अधिक संख्या में जुड़ने की अपील की। श्रीमती साहू ने यह भी बताया कि पीड़ित और संकटग्रस्त महिलाओं को एक ही छत के नीचे जरूरी सुविधाएं देने के लिए राज्य के सभी 27 जिला मुख्यालयों में सखी वनस्टाप सेंटर खोले गए हैं। पहला सखी वन स्टाप सेंटर राजधानी रायपुर में 16 जुलाई 2015 को शुरू किया गया था। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह विशेष पहल करते हुए 10 मार्च 2017 को अन्य 26 जिलों में भी इसका विस्तार किया। इन सखी वन स्टाप सेंटरों में अब तक तीन हजार 569 प्रकरण दर्ज हुए और इनमें से दो हजार 405 प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया। शेष प्रकरणों में पीड़ित महिलाओं को आश्रय दिया गया है। श्रीमती साहू ने यह भी कहा कि राज्य में महिलाओं के प्रति अपराधों में काफी कमी आई है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन 181 वर्ष 2016 से शुरू की गई है। उनके विरूद्ध होने वाली हिंसा अथवा उत्पीड़न की घटनाओं में इस हेल्प लाइन के जरिए उन्हें त्वरित सहायता देने की व्यवस्था की गई है। इस हेल्प लाइन में अब तक 465 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। श्रीमती साहू ने यह भी बताया कि प्रदेश के दूर-दराज के स्कूलों में किशोरी बालिकाओं को स्वच्छ और कम लागत की सेनेटरी नेपकिन आसानी से मिल सके, इसके लिए 24 जनवरी 2017 को बालिका दिवस पर शुचिता योजना शुरू की गई। इस योजना को भी वर्ष 2017 में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए समाज को प्रोत्साहित करने की दिशा में राज्य सरकार ने एक अप्रैल 2014 से नोनी सुरक्षा योजना की शुरूआत की है। इसके अंतर्गत 24 हजार नवजात बेटियों का पंजीयन किया जा चुका है, जिन्हें 18 वर्ष की उम्र में पहुंचने पर एक-एक लाख रूपए की धनराशि मिलेगी। समाज कल्याण विभाग की योजनाओं का उल्लेख करते हुए श्रीमती साहू ने बताया कि उनके विभाग ने राज्य के बुजुर्गों की बेहतर देखभाल सुनिश्चित करने के लिए लगभग एक माह पहले अक्टूबर 2017 में वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद का गठन किया गया है। इसी तरह वर्ष 2005 में निःशक्तजन वित्त विकास निगम की स्थापना की गई। इस निगम के जरिए अब तक ढाई हजार से ज्यादा दिव्यांगजनों को स्व-रोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है। निगम को वर्ष 2010 और 2016 में सर्वश्रेष्ठ चेनेलाईजिंग एजेंसी के रूप में राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेशवासियों की अच्छी सेहत के लिए योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से योग आयोग का गठन किया है, जो भारत का पहला योग आयोग है। श्रीमती साहू ने बताया कि योग आयोग द्वारा निकट भविष्य में ग्राम पंचायतों के स्तर पर शिविर लगाकर ग्रामीणों को योगाभ्यास के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से पूरे देश में हर साल 21 जून को योग दिवस भी मनाया जा रहा है, जिसमें छत्तीसगढ़ की भी उत्साहजनक भागीदारी होती है। श्रीमती साहू ने बताया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा चार दिसम्बर 2012 से मुख्यमत्री तीर्थ यात्रा योजना भी शुरू की गई है। इसके अंतर्गत बुजुर्गों को देश के विभिन्न तीर्थों की निःशुल्क यात्रा भी कराई जा रही है। पहली यात्रा 15 जनवरी 2013 को आयोजित की गई थी। अब तक इस योजना में 224 तीर्थ यात्राओं का आयोजन किया गया, जिनमें दो लाख से ज्यादा बुजुर्गों को विशेष रेलगाड़ियों में देश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों का भ्रमण करवाया गया। आयोजित पत्रकार वार्ता में श्रीमती रमशीला साहू के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव डॉ. एम. गीता, विभाग के आयुक्त आर. प्रसन्ना, समाज कल्याण विभाग के संचालक डॉ. संजय अलंग और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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