महंगाई के मोर्चे (Inflation Rate in India) पर आने वाले दिनों में आम आदमी को बड़ी राहत मिल सकती है, क्योंकि मार्च तक मुद्रास्फीति की दर और कम होने की उम्मीद है. देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI Latest Report) ने अपनी नई रिपोर्ट में यह संभावना जताई है. देश में पिछले दो महीनों से मुद्रास्फीति की दर में लगातार गिरावट देखने को मिली है और अब यह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तय सीमा 2-6 फीसदी के अंदर है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, एसबीआई रिसर्च ने अपनी लेटेस्ट इकोरैप रिपोर्ट में कहा है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित भारत की खुदरा मुद्रास्फीति दर आरबीआई के 6 प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से नीचे रहने की उम्मीद है और मार्च 2023 तक यह घटकर 5 प्रतिशत हो जाएगी. सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर महीने में रिटेल इंफ्लेशन रेट 5.72 फीसदी रहा.
एसबीआई की रिपोर्ट में राहत देने वाला अनुमान
एसबीआई की इस रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी-मार्च 2023 के लिए औसत खुदरा मुद्रास्फीति 4.7 प्रतिशत रह सकती है. इससे पहले रिटेल इंफ्लेशन अक्टूबर में 6.77 प्रतिशत से नवंबर में 5.88 प्रतिशत थी. भारत में खुदरा मुद्रास्फीति तीन तिमाहियों से अक्टूबर तक 6 प्रतिशत से ऊपर रही, जो आरबीआई के अनुमान से ज्यादा थी
भारतीय स्टेट बैंक ग्रुप के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष द्वारा तैयार एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया, ” मुख्य रूप से सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट के कारण सीपीआई इंफ्लेशन दिसम्बर 22 में 12 महीने के निचले स्तर 5.72 प्रतिशत पर आ गया.” इस रिपोर्ट में बेहतर मौसम और किसानों द्वारा बुवाई के चलते कृषि उत्पादन भी अच्छा रहने का अनुमान जताया गया है. एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “इस बदलते परिदृश्य के चलते हम आगे रेपो रेट में वृद्धि की ज्यादा उम्मीद नहीं रखते हैं.”