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LAC पर नहीं चलेगी चीन की चाल, BRO ने 2 साल में बना डाले 200 से ज़्यादा प्रोजेक्ट, लद्दाख और अरुणाचल अव्वल

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चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बढ़ते तनाव के बीच बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइज़ेशन (बीआरओ) ने अपने प्रोजेक्ट के जरिए पड़ोसी देश को बैखफुट पर धकेल दिया है. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले दो साल में बीआरओ ने 200 से ज़्यादा प्रोजेक्ट बना डाले. दिलचस्प बात यह है कि इनमें से भी सबसे अधिक प्रोजेक्ट लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में पूरे किए गए हैं. ये दोनों ही क्षेत्र रणनीतिक नजरिए से काफी अहम हैं.

बीआरओ के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने बताया, ‘सरकार ने बीआरओ पर ज़्यादा भरोसा जताया और बजट में इज़ाफ़ा किया है. नई तकनीक के इस्तेमाल और कार्यशैली में बदलवा से ये तेज़ी आई है. 2021 में 102 प्रोजेक्ट (87 ब्रिज और 15 सड़कें), जबकि 2022 में 103 प्रोजेक्ट (67 ब्रिज 30 सड़कें और 6 हैलिपैड) तैयार हुए.’

2 साल में 5125 करोड़ के प्रोजेक्ट पूरे किये
उन्होंने बताया, ‘पिछले दो साल में 5125 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट पूरे किए गए. 22 प्रतिशत प्रोजेक्ट लद्दाख और 30 फ़ीसदी अरुणाचल में, अभी अरुणाचल में 4 और लद्दाख में 3 प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. अरुणाचल में 6, जम्मू कश्मीर में 4 और लद्दाख 1 टनल तैयार किया जा रहा है. बीआरओ ने पिछले 60 साल में 4 टनल बनाए और अभी हम 11 टनल पर काम कर रहे हैं, 9 टनल फ़ाइनल स्टेज और प्लानिंग में है.’

एलएसी के नजदीक सड़कों का जाल बिछाने की तैयारी
लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने कहा, ‘हर तरह के निर्माण पर हमारा फ़ोकस है. लद्दाख में 19000 फ़िट पर दुनिया की सबसे ऊंची सड़क बनाई है. डीएसडीबीओ के ऑलटरनेट कनेक्टिविटी पर ज़बरदस्त काम कर रहे हैं. श्योक ब्रिज बनने के बाद आसानी से टैंक पहुंचेंगे. फ़्लैग हिल डोकाला में क्लास 70 ब्रिज बनाया गया है. मनाली से सरचू होते हुए लेह जाने वाली सड़क पर तीन बड़े पास आते हैं एक बारलाचला, लाचुंगला, टंगगांगला… बारलाचला का सर्वे पूरा हो गया है और बाक़ी दोनों का तीन-चार महीने में पूरा हो जाएगा.’

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