प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 12 जनवरी दिन गुरुवार को स्वामी विवेकानंद के जन्म दिन – राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में रामकृष्ण मिशन आश्रम, नारायणपुर में धूमधाम से मनाया गया है। राष्ट्रीय युवा दिवस के साथ भारत की स्वतंत्रता का 75 साल पूर्ण होने के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव एवं रामकृष्ण मिशन स्थापना की 125वी वर्षगांठ भी मनाया गया।
सुबह 6.30 बजे आश्रम परिसर से भव्य शोभायात्रा के साथ दिन का शुभारंभ किया गया। नारायणपुर के आसपास के विद्यालयों से लगभग 8000 बच्चे एवं शिक्षक-शिक्षिकायें तथा आश्रम के 2000 अध्ययनरत विद्यार्थी एवं समस्त कर्मचारिवृन्द कुल मिलाकर लगभग 10 हजार लोग इस भव्य शोभायात्रा में शामिल हुए हैं। नारायणपुर के आसपास के सभी विद्यालयों से बच्चों को सुबह पांच बजे आश्रम के बस द्वारा लाया गया एवं दोपहर भोजन के बाद फिर वापस पहुंचा दिया गया।
शोभायात्रा के बाद आश्रम के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के मैदान में 9 बजे से ही विभिन्न विद्यालयों से पधारे विद्यार्थियों द्वारा भाषण, पाठावृत्ति, एकल नृत्य, समूह नृत्य इत्यादि कार्यक्रम की प्रस्तुति शुरू किया गया। सुबह 10.30 बजे मुख्य सभा में छत्तीसगढ़ राज्य के हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष एवं नारायणपुर क्षेत्र के विधायक चन्दन कश्यप मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए।
विशिष्ट अतिथि के रूप में नारायणपुर जिले के कांग्रेस जिलाध्यक्ष देवनाथ उसेण्डी उपस्थित थे। साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती श्यामवती नेताम, अध्यक्ष जिला पंचायत, नारायणपुर, श्रीमती सुनीता मांझी, अध्यक्ष नगरपालिका परिषद, प्रमोद नैलवाल, उपाध्यक्ष नगर पालिका परिषद, एवं अन्य अतिथिगण उपस्थित थे। कार्यक्रम के अध्यक्षता सचिव स्वामी व्याप्तानन्द महाराज ने किया। प्राचार्य स्वामी कृष्णामृतानन्द द्वारा स्वागत भाषण किया गया। आश्रम के सह सचिव स्वामी अनुभावनन्द, स्वामी देवनाथानन्द, स्वामी वसुदानन्द, स्वामी महेशानन्द, स्वामी आप्तलोकानन्द, स्वामी अलिप्तात्मानन्द, स्वामी प्रणतपालानन्द एवं अन्यान्य स्वामीजीगण उपस्थित थे। विधायक चंदन कश्यप ने अपने भाषण के माध्यम से स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्मसात करते हुए बच्चों को एक अच्छे नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया।
अध्यक्षीय भाषण में सचिव महाराज ने किस प्रकार दूसरों के लिए कार्य करने से अंदर से अदम्य उत्साह मिलता है यह बात समझाते हुए बोले जो लोग भिक्षा माँगकर जीते हैं उनका सिर नीचा होता है लेकिन हम साधु लोग भी भिक्षा करते हैं परंतु सिर ऊँचा करके क्योंकि भिक्षुक लोग अपने लिए भिक्षा करते हैं और साधु लोग अपने लिए नहीं अपितु दूसरों के लिए भिक्षा मांगते हैं।
सभा के उपरांत भी करीब एक बजे तक बच्चों का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति जारी रहा। उसके बाद सभी बच्चों को एवं उपस्थित अन्य अतिथि शिक्षक शिक्षिकाओं करीब 10 हजार लोगों को भोजन कराया गया।
इसी कार्यक्रम के तहत स्वामी विवेकानंद जी के जीवन पर आधारित एक नाटक “प्रबुद्ध भारत” का मंचन 12 जनवरी एवं 14 जनवरी के संध्या 7 बजे के समय प्रस्तुत किया जा रहा है। सचिव स्वामीजी ने नारायणपुर के समस्त नागरिकों और विद्यार्थियों को यह नाटक देखने के लिए सादर आमंत्रित किया है।