जेमिनिड्स उल्कापात देखने के लिए हैदराबाद के लोग तैयार हैं. यह साल के सबसे व्यापक उल्कावृष्टि में से एक है. इस साल जेमिनिड्स 14 और 15 दिसंबर को चरम पर होंगे और प्रति घंटे लगभग 150 उल्काएं पृथ्वी की ओर आएंगी. सबसे मजेदार बात यह है कि आप इसे अपनी नंगी आंखों से देख सकते हैं. वेबसाइट timeanddate के मुताबिक, बुधवार को शाम 7:47 बजे से रात 11:13 बजे तक विजिबिलिटी बेहतरीन रहेगी. हालांकि, विजिबिलिटी मौसम और खगोलीय स्थितियों सहित विभिन्न कारकों पर आधारित होती है.
तेलंगाना टुडे ने NASA के एक दस्तावेज के हवाले से बताया है कि जेमिनिड्स 78,000 मील प्रति घंटे की यात्रा करते हैं, जो चीते से 1,000 गुना अधिक तेज होता है. यह दुनिया की सबसे तेज कार से लगभग 250 गुना तेज और तेज गति वाली गोली से 40 गुना अधिक तेज होता है.
क्या है जेमिनिड्स उल्का बौछार
शहर की चमकदार रोशनी से दूर जाकर साफ आसमान में जब आप उल्कापिंड की कुछ धारियों को यानी दर्जनों उल्काओं की लकीर को देखते हैं, तो यही उल्का बौछार होती है. यह वह समय होता है जब ब्रह्मांड अपनी सबसे आसान दिखने वाली उल्का बौछार, जेमिनिड्स डालता है. इस साल जेमिनिड्स 14 और 15 दिसंबर को चरम पर रहेंगे. मालूम हो कि उल्काएं आमतौर पर धूमकेतुओं के टुकड़े होते हैं. जैसे ही वह तेज गति से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं वैसे ही वह जल जाते हैं और इससे एक शानदार ‘शावर’ बनता है. नासा की मानें तो उल्कापिंड धूमकेतु के बचे हुए कणों और क्षुद्रग्रहों के टुकड़ों से आते हैं.
कैसे देखें जेमिनिड्स उल्का बौछार को
उल्का बौछार देखने के लिए आपको किसी विशेष उपकरण या कौशल की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, एक साफ आसमान और ढेर सारा धैर्य अनिवार्य है. लाइट पॉल्यूशन के कारण हो सकता है कि कुछ लोग इनमें से कुछ को ना देख पाएं. पहला इसे देखने के लिए आपको शहर की रोशनी से दूर किसी एकांत स्थान को खोजने की जरूरत है. दूसरा एक बार जब आपको देखने का स्थान मिल जाए, तो जमीन पर लेट जाएं और आकाश की ओर देखें. यदि आप इतना मेहनत नहीं करना चाहते हैं तो आप इसे https://www.timeanddate.com/astronomy/meteor-shower/geminids.html पर जाकर भी देख सकते हैं.