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छत्तीसगढ़ में तीसरा राष्ट्रीय कृषि समृद्धि मेला 24 से 28 जनवरी 18 को लगेगा।

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रायपुर, छत्तीसगढ़ का तीसरा राष्ट्रीय कृषि समृद्धि मेला 24 से 28 जनवरी 2018 तक राजधानी रायपुर के नजदीक जोरा में आयोजित किया जाएगा, मेले का समय दोपहर 12 बजे से रात्रि 8 बजे तक रहेगा। कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में पांच दिवसीय राष्ट्रीय कृषि मेले की रूपरेखा पर व्यापक चर्चा हुई। कृषि मंत्री श्री अग्रवाल ने अधिकारियों से कहा कि पिछले दो कृषि मेलों की तुलना में तीसरे कृषि मेले को और अधिक भव्य स्वरूप में आयोजित किया जाना है, इसके लिए सभी तैयारियां समय पर पूरी कर ली जाए। उन्होंने कहा कि खेती-किसानी से जुड़े विभिन्न व्यावसायिक संस्थानों और कृषि विशेषज्ञों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पूरा कार्यक्रम बना लिया जाए। बैठक में हुई प्रारंभिक चर्चा के अनुसार मेले के लिए ’प्रति बून्द-अधिक फसल’ थीम रखने का निर्णय लिया गया। कृषि मंत्री श्री अग्रवाल ने मेले में लगभग सवा लाख किसानों की भागीदारी करने के लिए हर दिन प्रदेश के 25 हजार किसानों को मेले में शामिल करने का लक्ष्य दिया। इनमें कृषि, पशुपालन, मछली पालन, उद्यानिकी, मंडी बोर्ड, बीज विकास निगम, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय और दूग्ध महासंघ से जुड़े किसान शामिल रहेंगे। श्री अग्रवाल ने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत स्प्रिंकलर और ड्रिप सिस्टम की विशेष रूप से प्रदर्शनी लगाई जाए। कृषि और उससे जुड़े सभी विभागों से संबंधित योजनाओं की उपलब्धियों पर जीवन्त प्रदर्शनी लगायी जानी चाहिए। मेला स्थल पर 27 जिलों के 27 काउंटर खोले जाएं। इन काउंटरों में संबंधित जिले से विभिन्न योजनाओं के तहत चयनित किसानों को सामग्री वितरण की व्यवस्था होनी चाहिए। इन काउंटरों में चयनित किसानों को चेम्स (छत्तीसगढ़ एग्रीकल्चर मेकेनाईजेशन प्रोजेक्ट सिस्टम) योजना के तहत कृषि उपकरणों के साथ-साथ स्प्रिंकलर और ड्रिप एरिगेशन सिस्टम के लिए जरूरी उपकरण वितरण की व्यवस्था की जाए। मेले में पांच दिनों तक किसानों की पाठशाला का विशेष आकर्षण रहेगा। इन पाठशालाओं में किसानों को पावर पाइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से खेती-किसानी के उन्नत तौर-तरीकों की जानकारी किसानों को दी जाएगी। श्री अग्रवाल ने मेले के मुख्य मंच पर कृषि विशेषज्ञों को विशेष रूप से आमंत्रित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मंच पर पांचों दिन मेला अवधि में हर समय कृषि विशेषज्ञों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए, ताकि मेले में आने वाले किसान अपनी विभिन्न समस्याओं का निदान पा सके। किसान विशेषज्ञों से रूबरू चर्चा कर आधुनिक खेती के गुर भी सीख सकते हैं। उन्होंने कृषि उत्पादों की फूड प्रोसेसिंग यूनिट की भी प्रदर्शनी लगाने के निर्देश दिए। श्री अग्रवाल ने कहा कि मेले के सह-प्रायोजक राज्य बनाने आसपास के राज्यों से सम्पर्क किया जाए। बैठक में कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त अजय सिंह, सचिव खेल एवं युवा कल्याण विभाग सोनमणि बोरा, खाद्य एवं बीज विकास निगम के संचालक आलोक अवस्थी, मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक अभिजीत सिंह, सचिव कृषि अनूप श्रीवास्तव, संचालक उद्यानिकी नरेन्द्र पाण्डेय, संचालक पशुचिकित्सा सेवाएं डॉ.एस.के. पाण्डेय, संचालक मछलीपालन व्ही.के. शुक्ला सहित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा दुग्ध महासंघ के अधिकारी उपस्थित थे।

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