चालू खरीफ सीजन (kharif marketing season 2022-23) में देश में धान (Paddy) की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है. मंडियों में अब तक आया धान इस उम्मीद को पुख्ता कर रहा है. पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु में धान की पैदावार ज्यादा हुई है. सरकार ने भी इस बार केंद्रीय पूल के लिए अब तक पिछले साल के मुकाबले 6.8 फीसदी ज्यादा धान खरीदा (Paddy Procurement) है. भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India-FCI) के आंकड़ों के अनुसार 7 नवंबर तक 215 लाख टन धान की सरकारी खरीद हुई है. वहीं, पिछले साल इस अवधि में 208 लाख टन धान खरीदा गया था.
इस सीजन में पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु में धान की खरीद मे इजाफा हुआ है. वहीं, देश के एक बड़े धान उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में सरकारी खरीद में गिरावट आई है. पिछले साल 7 नवंबर तक जहां उत्तर प्रदेश में 146 लाख टन धान की खरीद हुई थी, वहीं इस बार यह आंकड़ा 123 लाख टन है. धान रोपाई के सीजन में बरसात न होने के कारण इस बार उत्तर प्रदेश में धान के बुआई क्षेत्र में कमी आई थी. इस कारण राज्य में इस बार कम उत्पादन की आशंका है.
सरकार खरीदेगी ज्यादा धान
इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ओरिगो कमोडिटीज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट राजीव यादव का कहना है कि एफसीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि सरकार का इरादा इस बार धान की ज्यादा खरीद करने का है. इसका कारण यह है कि इस बार केंद्रीय पूल में चावल का स्टॉक 1 अक्टूबर को पिछले साल के मुकाबले 19% कम था. इसके अलावा 1 अक्टूबर, 2022 को बिना पिसाई धान का स्टॉक भी 16% कम था.
7.71 करोड़ टन खरीद का लक्ष्य
केंद्र सरकार का लक्ष्य मौजूदा खरीफ विपणन सत्र के दौरान 7.71 करोड़ टन धान खरीदना है. पिछले खरीफ विपणन सत्र में सरकार ने 7.59 करोड़ टन धान खरीदा था. केंद्रीय पूल के लिए एफसीआई स्वयं और विभिन्न राज्य एजेंसियों की सहायता से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद करती है. भारत के कुल धान उत्पादन में खरीफ धान का हिस्सा 80 फीसदी है. वहीं, कई क्षेत्रों में सर्दी के मौसम में भी धान की बुआई होती है