भारत के तेल मंत्री हरदीप पुरी ने कच्चा तेल उत्पादन करने वाले देशों को आइना दिखाने की कोशिश की है. उन्होंने कहा है कि क्रूड ऑयल की ऊंची कीमतों का मतलब होगा क्लीन एनर्जी का इस्तेमाल बढ़ाने की दिशा में तेजी और वैश्विक मंदी का और गहरा होना.
हरदीप सिंह पुरी ने अबू धाबी में एडिपेक ऊर्जा सम्मेलन में ब्लूमबर्ग टीवी से बात करते हुए कहा, “यदि आप यहां से कीमत बढ़ाते हैं, तो एकमात्र प्रतिक्रिया यह है कि आर्थिक मंदी गहरी और लंबी होगी… यह उनके (तेल उत्पादक देशों के) हित में है कि कीमतों को वर्तमान स्तर से आगे और न बढ़ने दें.”
भारत दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल के आयातकों में से एक है और संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और इराक जैसे देशों से एक प्रमुख खरीदार है. अमेरिका के विपरीत, इसने ओपेक + कार्टेल द्वारा नवंबर से उत्पादन कम करने के इस महीने के फैसले की सार्वजनिक रूप से आलोचना नहीं की है.
दोनों तरह के नतीजे मिलेंगे
ब्रेंट क्रूड इस साल 22 फीसदी की तेजी के साथ करीब 95 डॉलर प्रति बैरल पर है. रूस के यूक्रेन पर आक्रमण और उसके बाद मास्को पर पश्चिमी प्रतिबंधों से बाजार अस्त-व्यस्त हो गया है.
पहले सऊदी और अमीरात के अपने समकक्षों के एक पैनल में शामिल रहे हरदीप पुरी ने कहा, “यह एक ऐसा खेल है जिसमें आपको अनावश्यक रूप से चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है.” आगे उन्होंने कहा, “ये संप्रभु निर्णय हैं. जो कोई भी उत्पादन करता है तो उसे यह तय करने का अधिकार है कि क्या उत्पादन करना है या क्या बेचना है. लेकिन हम उन्हें यह भी बताते हैं, और मैंने यह बताने का कोई अवसर नहीं गंवाया है कि हर एक्शन के परिणाम होते हैं. परिणाम आशानुरूप हो सकते हैं और अनपेक्षित भी.