विरासत में मिली संपत्ति को सुरक्षित करने के लिए उसका कानूनी वारिस को ट्रांसफर किया जाना जरूरी होता है. ये संपत्ति प्रॉपर्टी, म्यूचुअल फंड या शेयर, ब्रोकरेज अकाउंट्स, बैंक और ज्वेलरी समेत अन्य वस्तुएं हो सकती हैं. एक सर्वे के मुताबकि, देश में 52 फीसदी लोगों को संपत्ति ट्रांसफर कराने के लिए घूस देनी पड़ी है. इसमें से करीब आधे लोगों को कई जगह रिश्वत देनी पड़ी. दरअसल, भारत में संपत्ति ट्रांसफर करना एक जटिल प्रक्रिया है जिसका लाभ इस काम में लगे लोगों द्वारा उठाया जाता है.
किसी भी मृत व्यक्ति की अगर कोई संपत्ति है तो उसे वारिस को ट्रांसफर करने के लिए कई कागजी कार्यवाहियां पूरी करनी होती हैं. अगर कोई व्यक्ति अपने पीछे एक विल छोड़कर गया है तो संपत्ति के ट्रांसफर के लिए विल की कॉपी, डेथ सर्टिफिकेट और प्रॉपर्टी के पेपर्स की जरूरत होती है. अगर कोई विल मौजूद नहीं है तो फिर दिवंगत प्रॉपर्टी मालिक के जितने कानूनी वारिस है उन्हें एक समझौते पर पहुंचना और इसके दस्तावेज जमा करने होंगे. इससे साफ पता चलता है कि देश में संपत्ति को ट्रांसफर करना आसान प्रक्रिया नहीं है.
26000 लोगों ने लिया सर्वे में हिस्सा
ये सर्वे लोकल सर्वे प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया गया है. इसमें कुल 26000 लोगों ने हिस्सा लिया. इनमें से 48 फीसदी लोग टियर-1, 27 फीसदी लोग टियर-2 और 25 फीसदी लोग टियर 3-4 शहर व ग्रामीण इलाकों से थे. इस सर्वे में हिस्सा लेने वालों में 67 फीसदी पुरुष औऱ 33 फीसदी महिलाएं थी.
52 फीसदी लोगों ने दी घूस
इस सर्वे में शामिल हुए 25 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें संपत्ति के ट्रांसफर के लिए कई स्थानों पर घूस देनी पड़ी. दबकि 27 फीसदी लोगों का कहना था कि उन्होंने 1 या 2 जगह पर घूस दी. गौरतलब है कि इस सवाल का जवाब 8983 लोगों ने दिया था. 24 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें कोई रिश्वत नहीं देनी पड़ी. 8 फीसदी लोगों ने ढुलमुल जवाब दिया. यानी कुल 52 फीसदी लोगों ने माना कि उन्हें किसी न किसी को रिश्वत देनी पड़ी. एक अलग सवाल पर लिए 8707 जवाबों में से कुल 86 फीसदी लोगों ने माना कि उन्हें रिश्वत किसी सरकारी दफ्तर में देनी पड़ी. इसमें मजिस्ट्रेट ऑफिस, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन ऑफिस व अन्य स्थानीय सरकारी दफ्तर शामिल थे.
केवल 23 फीसदी लोगों को आसानी से मिला ट्रांसफर
8907 लोगों से पूछा गया कि क्या उनका प्रॉपर्टी ट्रांसफर आसानी से हुआ था. इसके जवाब में 13 फीसदी लोगों ने कहा कि उनके पास विल थी और उनकी ट्रांसफर की प्रक्रिया बहुत आसान रही. इसके अलावा 10 फीसदी लोग ऐसे रहे जिन्होंने ये कहा कि विल नहीं होने के बावजूद ट्रांसफर आसानी से हो गया.