Home छत्तीसगढ़ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों का पालन सुनिश्चित हो : मुख्य सचिव

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों का पालन सुनिश्चित हो : मुख्य सचिव

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मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने अधिकारियों से कहा है कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एन.जी.टी.) के पर्यावरण संरक्षण से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाए। मुख्य सचिव ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों के तहत लीगेसी वेस्ट (ठोस अपशिष्ट) के निराकरण और दूषित जल उपचार संयंत्र की व्यवस्थाओं के संबंध में अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में नगरीय निकायों में एकत्रित लीगेसी वेस्ट के निराकरण हेतु की जा रही कार्यवाही की समीक्षा की गई। बैठक में राज्य की ग्राम पंचायतों में ठोस अपशिष्ट के अपवहन और शत-प्रतिशत ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन के संबंध में जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से उनके जिले में की जा रही कार्यवाही की विस्तार से समीक्षा की गई। इसी तरह से नगरीय निकायों द्वारा ग्राम पंचायतों से भू-भरण हेतु अपशिष्ट लेने के संबंध में की जा रही कार्यवाही की समीक्षा की गई। इसके साथ ही नगरीय निकायों में घरेलू दूषित जल उपचार संयंत्र की स्थापना की प्रगति की जानकारी विभागीय अधिकारियों से ली गई। बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू भी शामिल हुए।
बैठक में पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के नगरीय निकाय रायपुर, दुर्ग, कोरबा, रायगढ़, जगदलपुर, धमतरी एवं राजनांदगांव में लीगेसी वेस्ट का निष्पादन किया जाना है। इस संबंध में नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को शीघ्र नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश मुख्य सचिव ने दिए है।
राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में जो ठोस अपशिष्ट उत्पन्न होता है, उसे संग्रहित कर नियमानुसार उपचारित किया जाना है। इस संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अधिकारियों को नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। बैठक में नगरीय निकायों में घरेलू दूषित जल उपचार संयंत्रों की स्थापना की समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने जानकारी दी कि राज्य में सात दूषित जल उपचार संयंत्र लगा दिए गए है। इनमें बिलासपुर में चिल्हाटी और दोमुहानी में, संयंत्र लगाया गया है। रायगढ़ में बड़े अतरमुड़ा और बंजपाली में तथा रायपुर में कारा, निमोरा और भाटागांव में तथा कवर्धा में एक दूषित जल उपचार संयंत्र लगाया गया है। इसी प्रकार से राज्य में विभिन्न स्थानों पर दूषित जल उपचार संयंत्रों की स्थापना की कार्यवाही की जा रही है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में नगरीय प्रशासन विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी., पर्यावरण संरक्षण मंडल तथा ग्रामीण विकास विभाग सहित अन्य विभाग के अधिकारी शामिल हुए।

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