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4 साल में 4 करोड़ लोगों को मिला आयुष्मान भारत योजना का लाभ: मनसुख मंडाविया

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केंद्र सरकार (Central Government) की आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat scheme) के आज 4 साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Health Minister Mansukh Mandaviya) ने देशभर के कई राज्यों के लाभार्थियों से उनका हाल जाना. अंडमान निकोबार की बी तनुश्री ने बताया कि उनको ब्रेन ट्यूमर हो गया था लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति इलाज कराने की नहीं थी. महज 15000 महीने की इनकम होने की वजह से इलाज कराना बेहद मुश्किल था लेकिन 96,303 रुपए आयुष्मान भारत के तहत तनुश्री का इलाज संभव हो सका.

इसी तरह बिहार की राखी कुमारी ने भी अपना अनुभव साझा किया. राखी ने कहा कि 6000 मासिक इनकम होने की वजह से इलाज में भारी भरकम रकम लगा पाना मुमकिन नहीं था लेकिन केंद्र की इस योजना की वजह से 1,39000 रुपए इलाज में मदद मिल गयी. छत्तीसगढ़ के प्रदीप कुमार चतुर्वेदी 30 साल की उम्र में पता चला कि उनकी दोनो किडनी खराब हो गयी. महीने की कमाई सिर्फ 10,000 रुपए जबकि इलाज में साढ़े तीन लाख खर्च हुए और पूरा पैसा आयुष्मान भारत के तहत मिला.

गुजरात के राठौड़ दिलीप भाई के इलाज में लगे 1 लाख रुपए सरकार की योजना से मिले जिसके बाद उन्होने प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया. हरियाणा की राखी के इलाज में 2 लाख 3 हजार, हिमाचल के बेलीराम के इलाज में 2 लाख 80 हजार, जम्मू कश्मीर के निसार गुल के इलाज में 57000, पंजाब के सुभाष चंद के इलाज में 97000 रुपए, तेलंगाना के महराज बेग़म की किडनी की परेशानी के इलाज में आयुष्मान भारत योजना ने बड़ी मदद की. त्रिपुरा के तुषार साहा और उत्तर प्रदेश के नसीब भी आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों में से हैं जिन्होने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से इस योजना को लेकर अपने अनुभव साझा किए.

50 करोड़ लोगों तक इस योजना का लाभ पहुंंचाने का लक्ष्य

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के चार साल पूरे होने पर चार करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ मिल चुका है यानी 4 करोड़ परिवारों में इस योजना के कारण उजाला आया है. प्रधानमंत्री जी ने आयुष्मान योजना बनाने से पहले गरीबी देखी है. वडनगर में रेलवे स्टेशन पर चाय बेचा है उन्होंने गरीबी देखी है. प्रधानमंत्री जी को गरीबी और गरीबों के दर्द का एहसास है. स्वास्थ्य मंत्री ने लाभार्थियों से कहा कि आस पड़ोस के लोगों को भी इस योजना के बारे में बताएं जिससे कि इलाज में जरूरतमंद लोगों की मदद मिल सकेगी. 50 करोड़ लोगों तक इस योजना का लाभ पहुचाने का लक्ष्य है.

स्कीम को राजनीति से ना जोड़ें, जरूरतमंद लोगों को फायदा पहुंंचाएं

मनसुख ने कहा कि इस स्कीम को राजनीति से ना जोड़ें और राज्य सरकारें आम जरूरतमंद लोगों को इस योजना का फायदा पहुंंचाएं. इस योजना के तहत आने वाले हर परिवार को 5 लाख रुपए तक इलाज में मदद मिलती है. देश में वैसे तो लगभग सभी राज्य इस योजना से जुड़े हुए हैं. लेकिन पश्चिम बंगाल,ओडिशा और दिल्ली से सकारात्मक परिणाम अभी तक नहीं देखने को मिल रहा है. डॉक्टर मनसुख मांडविया ने कहा कि इन राज्यों से बातचीत चल रही है. उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही इन राज्यों में भी लोग जुड़ेंगे.

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