भारतीय दूतावास (Indian Embassy) ने मंगलवार को एक बयान जारी किया जिसमें उन्होंने श्रीलंका (Srilanka) को अब और वित्तीय सहायता (Financial help) नहीं देने वाली रिपोर्ट को खारिज बताया है. भारत (India) ने कहा कि वह संकटग्रस्त श्रीलंका (Endangered Srilanka) को ‘हर संभव तरीके’ से मदद करेगा. भारतीय दूतावास ने दावा किया कि श्रीलंका को इस साल लगभग 4 बिलियन अमरीकी डॉलर की अभूतपूर्व आर्थिक सहायता दी गयी है. साथ ही विशेष रूप से ‘लॉन्ग टर्म निवेश’ देकर आगे भी अपना समर्थन जारी रखेंगे.
भारतीय दूतावास ने बताया कि श्रीलंका में हमारी द्विपक्षीय विकास सहयोग परियोजनाएं चल रही हैं. जो कुल मिलाकर लगभग 3.5 बिलियन डॉलर की हैं. श्रीलंकाई छात्र प्रमुख भारतीय संस्थानों में उच्च शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण के लिए छात्रवृत्ति का लाभ उठा रहे हैं. श्रीलंका के साथ हमारे घनिष्ठ और दीर्घकालिक सहयोग के ये पहलू भी श्रीलंका की वर्तमान आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने के प्रयासों में योगदान करते हैं.
श्रीलंका 7 दशकों के अधिक समय में इस वक्त अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है. और आयात के भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रहा है. भारत इस साल अपने दक्षिणी पड़ोसी देश को सबसे बड़ी सहायता प्रदान कर रहा है.
इकोनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक इस साल के पहले चार महीनों में श्रीलंका को मिले कुल 96.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर के कर्ज में से भारत ने 37.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर दिए हैं. जबकि 2017 और 2021 के बीच श्रीलंका को सबसे ज्यादा कर्ज देने वाला देश चीन रहा है. 2021 में चीन ने श्रीलंका को 94.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर का कर्ज दिया था. जिसमें से 80.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर चीन विकास बैंक से उधार में मिले थे. जबकि उस समय भी एडीबी सबसे बड़ा बहुपक्षीय कर्जदाता रहा है.