Home राष्ट्रीय अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में महंगा हुआ भारतीय चावल, 25% घट सकता है निर्यात,...

अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में महंगा हुआ भारतीय चावल, 25% घट सकता है निर्यात, क्‍या भारत में घटेंगे दाम

33
0

टूटे चावल का निर्यात (Rice Export) पूरी तरह बैन करने और कुछ किस्‍मों के चावल के निर्यात पर 20 फीसदी ड्यूटी लगाने से अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में भारतीय चावल महंगा हो गया है. बाजार जानकारों का कहना है कि चावल के दाम चढ़ने से भारतीय चावल निर्यात को भारी झटका लग सकता है. चावल निर्यात में इस साल 25 फीसदी की गिरावट आ सकती है. चावल निर्यात में गिरावट का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ेगा और कीमतों में वृद्धि पर अंकुश लगेगा.

मनीकंट्रोल की ए‍क रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 में भारत ने रिकॉर्ड 2.12 करोड़ टन चावल का निर्यात किया था. यह चावल एक्सपोर्ट के मामले में दुनिया के अन्य 4 बड़े देशों – थाईलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान और अमेरिका के कुल निर्यात से अधिक है. वहीं, सरकार के निर्यात पर 20 फीसदी शुल्‍क लगाने से निर्यात घटकर इस साल 1.62 करोड़ टन रहने का अनुमान लगाया जा रहा है.

घरेलू चावल कीमतों में बढ़ोतरी रोकने को लगाया शुल्‍क
मॉनसून सीजन में बारिश सामान्य से कम रहने के कारण इस साल भारत में चावल का बुआई क्षेत्र कम हुआ है. इससे इस सीजन चावल के उत्‍पादन में गिरावट आने की आशंका है. ऐसे में सरकार ने घरेलू मार्केट में चावल की सप्लाई मजबूत बनाए रखने और कीमतों में बढ़ोतरी रोकने के लिए चावल के निर्यात पर आंशिक प्रतिबंध लगाए हैं. सरकार ने टूटे चावल का निर्यात बैन कर दिया और कुछ किस्‍मों के चावल के निर्यात पर 20 फीसदी निर्यात शुल्‍क लगा दिया है.

निर्यात में आएगी गिरावट
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को द राइस एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन (TERA) के अध्यक्ष, बी वी कृष्ण राव ने बताया कि 20 फीसदी ड्यूटी के चलते भारतीय चावल अंतरराष्ट्रीय बाजार में महंगा हो गया है. इससे एक्सपोर्ट में इस साल 50 लाख टन की गिरावट आ सकती है. राव का कहना है कि इस साल एक्सपोर्ट करीब 1.62 करोड़ टन रह जाएगा.

राव ने बताया कि सरकार ने केवल सफेद चावल पर शुल्‍क लगाया है. इससे दूसरी किस्‍म के चावल की मांग बढ़ सकती है, जिनके निर्यात पर ड्यूटी नहीं लगाई गई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 1 अप्रैल से शुरू हुए मौजूदा वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में चावल का निर्यात बढ़कर 93.6 लाख टन रहा, जो एक साल पहले की इसी अवधि में 83.6 लाख टन था.

दूसरे देश भी बढ़ा सकते हैं कीमत
नई दिल्ली स्थित एक्सपोर्टर, ViExport के डायरेक्टर देव गर्ग का कहना है कि मौजूदा वित्त वर्ष में अच्‍छी मात्रा में पहले ही चावल निर्यात किया जा चुका है. लेकिन अब सरकार के शुल्‍क लगाने के फैसले से आने वाले महीनों में चावल निर्यात में तेज गिरावट आएगी. Olam India में राइस बिजनेस के वाइस प्रेसिडेंट नितिन गुप्ता ने बताया कि भारत से कम सप्लाई के कारण प्रतिद्वंद्वी देश भी अपने चावल की कीमतें बढ़ा सकते हैं. इससे आने वाले समय में भारतीय चावल प्रतिस्पर्धी बन सकता है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here