इलेक्ट्रॉनिक गैजेट (Electronic Gadgets) के फेक रिव्यू (Fake Review) लिखने और लिखवाने वालों पर अब सरकार सख्ती करने के मूड में है. ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर फेक रिव्यू से उपभोक्ताओं को धोखा देने की बढ़ती घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए इस काम में लिप्त कंपनियों और व्यक्तियों पर जुर्माना लग सकता है. सूत्रों के अनुसार, फेक रिव्यू रोकने के उपाय सुझाने के लिए उपभोक्ता मंत्रालय द्वारा बनाई गई समिति ने जुर्माने का प्रावधान करने की सिफारिश की है.
उपभोक्ताओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय पिछले काफी समय से फ्रेमवर्क तैयार करने में लगा है और इस संबंध में इडस्ट्री से जुड़े लोगों के साथ विचार-विमर्श किया जा रहा है. लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मामले की जानकारी रखने वाले 2 अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 14 सितंबर को एक बैठक बुलाई है. बैठक में फेक रिव्यू के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए एक ही चार्जर के बारे में विचार-विमर्श किया जाएगा.
जुर्माने का प्रावधान
फेक रिव्यू पर बने दिशा-निर्देशों में उन कंपनियों पर जुर्माने का प्रावधान होगा जो या तो स्वयं के लिए पॉजिटिव रिव्यू या फिर प्रतिस्पर्धियों के लिए नकारात्मक रिव्यू कराने के लिए फेक अकाउंट से रिव्यू कराएगी या फिर पेड रिव्यू कराएगी. आमतौर पर ऐसी शिकायतें आती रहती हैं कि कंपनियां एक-दूसरे के उत्पादों के लिए फेक रिव्यू कराती हैं. एक अधिकारी ने बताया कि इस काम में लिप्त पाई गई कंपनी के खिलाफ मंत्रालय स्वत: संज्ञान लेगा और जुर्माना करेगा.
बने हैं 3 विशेषज्ञ समूह
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अधीन आने वाले केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने इस इसी मुद्दे पर काम करने के लिए तीन विशेषज्ञ समूह भी बनाए हैं. एक अधिकारी ने बताया कि फेक रिव्यू के मुद्दे पर मंत्रालय पूरे सेक्टर के विचार जानना चाहता है और समाधानों को अपने फ्रेमवर्क में समायोजित करना चाहता है. इस संबंध में जारी होने वाले दिशानिर्देश भी पूरे सेक्टर पर लागू होंगे.