क्रेडिट कार्ड (Credit Card) और यूपीआई पेमेंट (UPI Payment) का बढ़ता इस्तेमाल खपत बढ़ने का संकेत है. एक्सपर्ट्सऔर बाजार से जुड़े लोगों ने यह अनुमान जताया है. ये आंकड़े कोविड महामारी का प्रकोप घटने के बीच आर्थिक गतिविधियों में सुधार की ओर इशारा भी करते हैं.
यूपीआई ट्रांजैक्शन अगस्त में बढ़कर 10.73 लाख करोड़ रुपये रहा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मंथली आंकड़ों के मुताबिक, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई ट्रांजैक्शन अगस्त में बढ़कर 10.73 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो इस साल अप्रैल में 9.83 लाख करोड़ रुपये था. इसी तरह पॉइंट ऑफ सेल (PoS) टर्मिनल के जरिए क्रेडिट कार्ड खर्च अगस्त में बढ़कर 32,383 करोड़ रुपये हो गया, जो इस साल अप्रैल में 29,988 करोड़ रुपये था. ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर क्रेडिट कार्ड खर्च अगस्त में बढ़कर 55,264 करोड़ रुपये हो गया. यह आंकड़ा अप्रैल में 51,375 करोड़ रुपये था.
कुछ महीनों में मासिक क्रेडिट कार्ड खर्च लगातार एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा
एसबीआई कार्ड के एमडी और सीईओ राम मोहन राव अमारा ने कहा कि आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक क्रेडिट कार्ड पर बकाया वित्त वर्ष 2016-17 और वित्त वर्ष 2021-22 के बीच 16 फीसदी की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) से बढ़ा है. उन्होंने कहा, ‘‘क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही खर्च में भी वृद्धि हुई है. पिछले कुछ महीनों में मासिक क्रेडिट कार्ड खर्च लगातार एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है. इससे खपत में मजबूती का संकेत मिलता है. आगामी फेस्टिव सीजन से काफी उम्मीदें हैं.’’
अपनी हिचक को छोड़ रहे हैं भारतीय उपभोक्ता
पेनियरबाय (PayNearby) के फाउंडर, एमडी और सीईओ आनंद कुमार बजाज ने कहा कि क्रेडिट कार्ड और यूपीआई के जरिए पेमेंट की मात्रा और राशि में वृद्धि से देश के डिजिटल पेमेंट लैंडस्केप की एक सकारात्मक तस्वीर मिलती है. उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि भारतीय उपभोक्ता अपनी हिचक को छोड़ रहे हैं और वे ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए अधिक खुले हैं.