छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में करीब 5 साल के बाद वनरक्षकों (forest guard) के तबादले किए गए हैं। इससे पहले मरवाही वनमंडल में साल 2017 में ट्रांसफर हुए थे। मरवाही DFO दिनेश पटेल ने 18 वनरक्षकों का तबादला आदेश जारी किया।
लिस्ट में मरवाही वनमंडल के अंतर्गत आने वाले चारों रेंज में सालों से पदस्थ वनरक्षकों के नाम शामिल हैं। फॉरेस्ट गार्ड रामसुशील तिवारी का भी ट्रांसफर कर दिया गया है, जिस पर हाल ही में कोयला उत्खनन को संरक्षण देने का आरोप लगा था। इधर खोडरी रेंज में भी वनकर्मियों के तबादले की जरूरत बताई गई है, जहां सालों से पदस्थ वनकर्मियों पर पेड़ों की अवैध कटाई पर अंकुश नहीं लगा पाने के आरोप लग रहे हैं। वहीं इस तबादला सूची के बाद भी अभी कई विवादित और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे वनरक्षक जिन पर अनुपातहीन संपत्ति कमाने की शिकायतें होती रही हैं, अपने पदों पर जमे हुए हैं।
मरवाही DFO दिनेश पटेल ने कहा कि जल्द ही अभी और वनरक्षकों के तबादले किए जा सकते हैं। इधर मरवाही में रेंज ऑफिसर का पद सालों से रिक्त है, जिस पर डिप्टी रेंजर दरोगा मरावी पदस्थ हैं। जिन पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन यहां पर पूर्णकालिक रेंज ऑफिसर की नियुक्ति नहीं की जा रही है। वहीं खोडरी रेंज में पदस्थ स्टाफ ने रेंजर के खिलाफ मोर्चा खोला, जिसके बाद रेंजर देव सिंह ठाकुर छुट्टी पर चले गए हैं। अब इसका प्रभार पेंड्रा रेंजर सत्तू जायसवाल के पास है।
पेंड्रा में दो रेंजर्स के बीच कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण शासन से तबादला किए गए महिपाल सिंह तंवर की जगह डिप्टी रेंजर सत्तू जायसवाल कार्यरत हैं, जो 4 महीने बाद रिटायर हो रहे हैं। मरवाही वनमंडल में कई स्थानों पर एक व्यक्ति दो 2 पदों पर कार्यरत है। मरवाही वनमंडल में पूर्व एसडीओ संजय त्रिपाठी के तबादले के बाद करीब डेढ़ महीने से यह पद खाली पड़ा है।