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गलत क्रेडिट स्कोर के चलते लोन लेने में हो परेशानी तो खटखटाएं RBI का दरवाजा, मिलेगा इंसाफ

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अगर आपको लोन लेना है और किसी वजह से आपके क्रेडिट स्कोर में कुछ गड़बड़ हो गई तो आपको लोन नहीं मिलेगा. जब तक कि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं होगा, आप लाख कोशिश करके भी लोन हासिल नहीं कर पाएंगे. लेकिन ये जरूरी तो नहीं कि आपका क्रेडिट स्कोर आपकी गलती से ही गड़बड़ाया हो. कई बार क्रेडिट स्कोर जारी करने वाली फर्म से भी गड़बड़ी हो सकती है. ऐसी स्थिति में आपके पास क्रेडिट स्कोर ब्यूरो का दरवाजा खटखटाने का विकल्प होता है. लेकिन अगर वह भी आपकी बात न सुनें तो कहां जाएं?

इसका समाधान दिया है रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने. शुक्रवार को मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी द्वारा रेपो रेट बढ़ाने की घोषणा करने के बाद RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यदि क्रेडिट स्कोर ब्यूरो आपकी बात नहीं सुनता है तो आप इसकी शिकायत सीधे RBI से ही कर सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने घोषणा की है कि क्रेडिट सूचना कंपनियों जैसे कि CIBIL, Experian, Equifax आदि के साथ समस्या वाले व्यक्ति सीधे केंद्रीय बैंक के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

30 दिन में गलती न सुधारे क्रेडिट ब्यूरो तो पहुंचो RBI
क्रेडिट सूचना कंपनियां, जिन्हें आमतौर पर क्रेडिट ब्यूरो कहा जाता है, बैंकों, क्रेडिट कार्ड कंपनियों और अन्य वित्तीय संस्थानों से ग्राहकों का डेटा इकट्ठा करती है. इन आंकड़ों के आधार पर ये किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर जारी करती है. इसी आधार पर कोई व्यक्ति अच्छा उधारकर्ता या बुरा उधारकर्ता बनता है. हालांकि, ऐसा हो सकता है कि क्रेडिट ब्यूरो के पास उपलब्ध जानकारी गलत हो और परिणामस्वरूप गलत क्रेडिट स्कोर 30 दिनों के भीतर ठीक न किया गया हो. अब अगर क्रेडिट ब्यूरो 30 दिन के अंदर अपनी गलती नहीं सुधार करता है तो आप इसकी शिकायत सीधे RBI के पास कर सकते हैं.

रिजर्व बैंक एकीकृत लोकपाल योजना-2021, शहरी सहकारी बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, एनबीएफसी और गैर-अनुसूचित प्राथमिक सहकारी बैंकों सहित अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से 50 करोड़ रुपये और उससे अधिक की जमा राशि वाले ट्रांजैक्शन को कवर करती है. इसको अधिक व्यापक बनाने के लिए क्रेडिट सूचना कंपनियों को भी इसके दायरे में लाने का निर्णय लिया गया है. यह सीआईसी के खिलाफ शिकायतों के लिए एक मुक्त वैकल्पिक निवारण तंत्र प्रदान करेगा. इसके अलावाए स्वयं सीआईसी द्वारा आंतरिक शिकायत निवारण को मजबूत करने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है.

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