भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति की बैठक का आज अंतिम दिन है और तीन दिन के मंथन के नतीजे भी आज दोपहर तक जारी हो जाएंगे. अनुमान है कि पिछली दो बैठकों की तरह इस बार भी रेपो रेट में बढ़ोतरी का फैसला लिया जाएगा.
आरबीआई महंगाई को थामने के लिए पिछली दो बैठकों में 0.40 फीसदी और 0.50 फीसदी रेपो रेट बढ़ा चुका है. यानी मई के बाद से अब तक रेपो रेट में 0.90 फीसदी की वृद्धि हो चुकी है और मौजूदा रेपो रेट 4.90 फीसदी पहुंच गया है. एक्सपर्ट की मानें तो इस बार भी 0.35 फीसदी से 0.40 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गुंजाइश है. इसके बाद प्रभावी रेपो रेट 5.30 फीसदी तक चला जाएगा. यह कोरोना महामारी के बाद सबसे ज्यादा ब्याज दर होगी.
बोफा ग्लोबल रिसर्च ने पिछले दिनों अपने एक नोट में कहा था कि इस बार आरबीआई 35 आधार अंक की बढ़ोतरी करेगा. उसकी मंशा रेपो रेट में अचानक बड़ी वृद्धि करने के बजाए महंगाई पर इसके असर को देखते हुए फैसला लेने की है. पिछली दो बार की बढ़ोतरी के बावजूद खुदरा महंगाई की दर अभी 7 फीसदी के आसपास बनी हुई है. लिहाजा रेपो रेट में ज्यादा बढ़ोतरी की फिलहाल गुंजाइश नहीं है. आज अगर रेपो रेट बढ़ाया भी जाता है तो शेयर बाजार पर इसका ज्यादा असर नहीं दिखेगा.
मार्च तक 5.90 फीसदी जा सकता है रेपो रेट
डाटा एनालिटिक फर्म केयरएज का कहना है कि आरबीआई चालू वित्तवर्ष में अभी करीब 100 आधार अंक तक रेपो रेट बढ़ा सकता है और मार्च तक प्रभावी रेपो रेट 5.90 फीसदी पहुंच जाएगा. इसका सबसे बड़ा कारण महंगाई का लगातार ऊपर बने रहना है. फर्म ने कहा कि महंगाई की वजह से ही अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेड रिजर्व अपनी ब्याज दरें 0.75 फीसदी बढ़ा दीं जो 40 साल में सबसे तेज बढ़ोतरी है. बैंक ऑफ इंग्लैंड ने भी बृहस्पतिवार को अपनी ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी
की है, जो 1995 के बाद सबसे ज्यादा है. ये सभी वृद्धि महंगाई दर को काबू में लाने के लिए ही की जा रही हैं.
कितनी बढ़ जाएगी ईएमआई
मान लीजिए आपने 30 लाख रुपये का होम लोन 20 साल के लिए 7.5 फीसदी ब्याज पर लिया है तो अभी आपको हर महीने 24,168 रुपये की ईएमआई देनी पड़ती है. अगर रेपो रेट बढ़ाए जाने के बाद ब्याज दर बढ़कर 7.9 फीसदी हो गई तो आपकी ईएमआई भी 24,907 रुपये पहुंच जाएगी. यानी आपके ऊपर हर महीने 739 रुपये का बोझ बढ़ जाएगा और सालभर में 8,868 रुपये ज्यादा ईएमआई चुकानी होगी.