बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपर्याप्त केवाईसी के मामले में निवेशकों के ट्रेडिंग एवं डीमैट खातों को अपने आप निष्क्रिय करने के लिए शुक्रवार को नए नियम जारी किए. ये नियम 31 अगस्त से लागू हो जाएंगे. सेबी ने कहा है कि पता किसी भी केवाईसी का एक महत्वपूर्ण भाग है और इसे एकदम सही होना चाहिए.
केवाईसी के तहत पते को समय-समय पर बिचौलिए के माध्यम से अपडेट किया जाना चाहिए. लेकिन सेबी ने पाया है कि ऐसा नहीं हो रहा है. दरअसल, सेबी जब किसी कार्यवाही को लेकर डीमैट खाताधारकों को नोटिस भेजता है तो वे संबंधित खाताधारक तक पहुंचते ही नहीं है. अब नए नियमों के तहत मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन (एमआईआई) जैसे शेयर मार्केट, को संबंधित खाताधारक को कारण बताओ नोटिस या नियामक द्वारा जारी आदेश खुद पहुंचाना होगा.
30 दिन में जमा करनी होगी रशीद
एमआईआई को 30 दिन के अंदर इस बात का सबूत सेबी के पास जमा करना होगा कि नोटिस संबंधित इकाई ने रिसीव कर लिया है. 30 में से पहला दिन उसे माना जाएगा जिस दिन एमआईआई को सेबी को ओर से नोटिस सर्व करने का निर्देश मिलेगा. जिस व्यक्ति को नोटिस मिलना है अगर एमआईआई ने उससे 30 दिन के अंदर कोई नोटिस प्राप्ति रशीद हासिल नहीं की तो उसके बाद 5 दिन के अंदर उस शख्स के सभी डीमैट अकाउंट बंद कर दिए जाएंगे. गौरतलब है कि प्राप्ति रशीद पर प्राप्तकर्ता के या उसके द्वारा अधिकृत किसी शख्स के हस्ताक्षर होने चाहिए.
संबंधित इकाई/शख्स को दी जाए पूरी जानकारी
सेबी ने कहा है कि एमआईआई को उसके और संबंधित इकाई/शख्स के बिचौलिए तक इस बात की जानकारी पहुंचानी होगी कि उनका डीमैट अकाउंट बंद किया जा रहा है. साथ उन्हें इसका कारण भी बताना होगा. बंद किए जाने के बाद संबंधित इकाई बिचौलिए की मदद से दोबारा अकाउंट ओपन करने के लिए आवेदन कर सकती है. इस बार उन्हें पते की सही जानकारी देनी होगी.
5 दिन से अधिक का समय न लें
सेबी ने कहा है कि अगर अकाउंट ओपन करने की अर्जी सभी दस्तावेजों के साथ एमआईआई के पास आती है तो उसे 5 दिन के अंदर अकाउंट को रीओपन करना होगा. सेबी के अनुसार, उपरोक्त सभी बातें जॉइंट डीमैट अकाउंट पर भी लागू होती हैं.