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महंगाई के बीच उपभोक्ताओं ने खरीदारी पर लगाई लगाम, तेल-साबुन की बिक्री में आई सुस्ती

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देश में फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) की मात्रा की 4 फीसदी की बढ़ोतरी (ग्रोथ रेट) देखने को मिली है. यह आंकड़ा जून 2021 से लेकर 31 मई 2022 तक का है. गौरतलब है कि जून 2020 से मई 2021 तक यह आंकड़ा 7 फीसदी था. इसका मतलब है कि लोगों ने एफएमसीजी प्रोडक्ट्स की खरीदारी को घटा दिया है. यह आंकड़े घरेलू खपत पर नजर रखने वाली रिसर्च फर्म केंटर वर्ल्ड पैनल ने जारी किए हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, लोगों ने शैम्पू, टॉयलेट क्लीनर और डिटरजेंट जैसे उत्पादों की खरीदारी थोड़ी घटा दी है. उन्होंने जरूरी सामानों कोविड-19 की पहली लहर में खरीद कर काफी अधिक मात्रा में रख लिया था. वहीं, अब कमोडिटी की कीमतों में तेजी के बाद वे उन्हें वस्तुओं को खरीद रहे हैं जो बेहद जरूरी हों.

गैर-ब्रांडेड प्रोडक्ट की ओर झुकाव
रिपोर्ट का कहना है कि ऊंचे दामों के कारण लोग तेल, बटर व साफ सफाई के लिए गैर-ब्रांडेड उत्पादों का रुख कर रहे हैं. बकौल रिपोर्ट, लोग प्रोडक्ट की वैल्यु पर बहुत अधिक फोकस कर रहे हैं. यहां वैल्यु का तात्पर्य प्रोडक्ट की कीमत और उसकी उपयोगिता के अनुपात से है. समीक्षाधीन अवधि में एफएमसीजी प्रोडक्ट्स की वैल्यु ग्रोथ घटकर 8 फीसदी पर पहुंच गई जो इससे पिछले 12 महीनों में 12 फीसदी पर थी. वहीं, बात औसत कीमत की करें तो यह मार्च 2019- मई 2020 के 106 रुपये से बढ़कर 127 रुपये तक पहुंच गया है. गैर-ब्रांड वाले खाद्य तेल की बिक्री में 7 फीसदी की तेजी देखने को मिली है.

तीनों श्रेणियों के वॉल्यूम में आई गिरावट
रिपोर्ट के अनुसार, एफएमसीजी प्रोडक्ट्स की तीनों श्रेणियों की वॉल्यूम ग्रोथ में गिरावट आई है. इसकी तीन श्रेणियां फूड एंड बेवरेज, पर्सनल केयर और हाउसहोल्ड केयर है. हालांकि, सबसे ज्यादा गिरावट हाउसहोल्ड और पर्सनल केयर में देखने को मिली. वर्ल्डपैनल डिवीजन के साउथ एशिया एमडी के. रामाकृष्णन ने कहा, “हमारे डेटा के अनुसार, वॉल्यूम में कोई गिरावट नहीं है लेकिन इसका ग्रोथ रेट घटा है.” उन्होंने कहा कि इसका एक कारण यह हो सकता है कि लोगों ने जिस तरह पिछले 2 साल में खरीदारी की अब वैसी नहीं कर रहे हैं. बकौल रामाकृष्णन, लोग महंगाई की खबरें सुन रहे हैं और सोच रहे हैं कि उन्हें अपनी जरूरत की खरीदारी पर दोबारा विचार करने की आवश्यकता है.

ऑफर वाले प्रोडक्ट्स की रुझान बढ़ान
केंटर की रिपोर्ट के अनुसार, जिन घरों का सर्वे किया गया उनमें से 90 फीसदी ने माना कि उन्होंने ऐसे प्रोडक्ट्स को तवज्जो दी जिस पर ऑफर थे. जबकि इससे पिछले समीक्षाधीन वर्ष में यह 82 फीसदी था.

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