आधार कार्ड (Aadhaar Card) भारत में रह रहे हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण डाक्यूमेंट बन गया है. आधार के बिना बच्चे के स्कूल एडमिशन से लेकर नौकरी मिलने में भी दिक्कत आ सकती है. आधार कार्ड पर आपका नाम, डेट ऑफ बर्थ, एड्रेस और आधार नंबर जैसे डिटेल्स होते हैं. आधार कार्ड पर आपका बायोमैट्रिक डेटा भी उपलब्ध रहता है. वहीं दूसरी तरफ देश में ऐसे कई मामले सामने निकलकर आए हैं, जहां पर आधार कार्ड का दुरुपयोग किया गया है. हालांकि आधार नियमों के उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना के अलावा जेल भी हो सकती है.
साल 2021 में सरकार ने पेश किया था एक खास नियम
सरकार ने 2 नवंबर, 2021 को UIDAI (Adjudication of Penalties) Rules, 2021 नोटिफाई किया था. यूआईडीएआई नियमों को अधिनियमित करने वाले कानून को साल 2019 में पारित किया गया था. इसके तहत आधार नंबर जारी करने वाली संस्था यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी यूआईडीएआई (UIDAI) किसी को अनऑथराइज्ड एक्सेस या उसके निर्देशों वा नियमों का उल्लंघन करते हुए पाता है, तो दोषी को जेल या उस पर जुर्माना लग सकता है. यूआईडीएआई द्वारा नियुक्त एडजस्टिकेटिंग ऑफिसर ऐसे मामलों को निपटाने का काम करेंगे. अगर कोई संस्था इस तरह के मामलों में दोषी पाया जाता है, तो उस पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लग सकता है.
आधार ईकोसिस्टम में गलत संस्थाओं के खिलाफ एनफोर्समेंट एक्शन का प्रावधान
पहले आधार एक्ट में यूआईडीएआई के लिए आधार ईकोसिस्टम में गलत संस्थाओं के खिलाफ एनफोर्समेंट एक्शन का प्रावधान नहीं था. अब आधार ईकोसिस्टम में गलत संस्थाओं के खिलाफ एनफोर्समेंट एक्शन के लिए नया चैप्टर जोड़ा गया है. प्रावधानों में कहा गया है, “इस एक्ट, रूल्स, रेगुलेशंस और डायरेक्शंस [Section 33A] के प्रावधानों का पालन करने में अगर चूक होती है तो हर उल्लंघन के लिए 1 करोड़ का जुर्माना लगाया जाएगा.”
हो सकती है 3 साल की जेल
इसके अलावा यूआईडीएआई फेक डेमोग्राफिक या बायोमेट्रिक जानकारी का गलत इस्तेमाल करने या फिर उसकी फेक कॉपी बनाने के लिए 10,000 रुपये का जुर्माना और 3 साल की कैद की सजा दे सकता है.