जीएसटी काउंसिल परिषद ने हाल ही में अस्पताल के कमरों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया है. आईसीयू को छोड़कर, 5,000 रुपये से अधिक के किराए वाले कमरों पर यह जीएसटी लगेगा. अब सवाल ये है कि अगर आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है और उसमें रूम रेंट सब लिमिट्स है तो आप पर इस टैक्स का क्या असर होगा. क्या आपका हॉस्पिटल बिल बढ़ेगा या नहीं?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, स्वास्थ्य बीमाकर्ता इस टैक्स को टोटल बिल अमाउंट के हिस्से के रूप में मान सकते हैं लेकिन जो पॉलिसीहोल्डर्स रूम रेंट सब-लिमिट का प्लान लिए हैं वो इससे प्रभावित हो सकते हैं. बीमाकर्ता आम तौर पर बीमाधारक के क्लेम (जीएसटी शुल्क सहित) का भुगतान करेगा यदि पॉलिसी में कमरे के किराए पर कोई कैपिंग नहीं है. लेकिन दूसरी तरफ से बीमाधारक पर इस टैक्स से आर्थिक बोझ बढ़ सकता है.
महंगी पड़ेगी पॉलिसी
मेडीअसिस्ट टीपीए कंपनी के सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक, सतीश गिदुगु कहते है कि पहले स्वास्थ्य सेवा जीएसटी के दायरे से बाहर थी. अस्पताल के कमरे के किराए पर 5 प्रतिशत की लेवी उन पॉलिसीधारकों के लिए अस्पताल में रहने की लागत को बढ़ाएगी, जिनके पास कमरे के किराए की सब लिमिट के साथ हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी हैं.