रायपुर, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजनाओं के तहत मुद्रा योजना को छत्तीसगढ़ में शानदार कामयाबी मिल रही है। योजना शुरू होने के लगभग ढाई वर्ष में राज्य में अब तक 18 लाख 74 हजार आवेदकों को विभिन्न बैंकों और गैर बैकिंग वित्तीय संस्थाओं द्वारा बिना गारंटी लिए लगभग 6953 करोड़ 80 लाख रूपए के ऋण मंजूर किए जा चुके हैं। पिछले माह अगस्त तक स्वीकृत इस राशि में से अब तक 6669 करोड़ 43 लाख रूपए का ऋण वितरित किया जा चुका है। देश में व्यापार-व्यवसाय को बढ़ावा देना और युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। योजना में कारोबार के लिए दस लाख रूपए तक ऋण बिना किसी बैंक गारंटी के मंजूर करने का प्रावधान है। मुद्रा योजना का पूरा नाम ’माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एण्ड रिफाइनेंस एजेंसी है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आठ अप्रैल 2015 को इस योजना का शुभारंभ किया था। राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी के अधिकारियों ने बताया कि योजना के तहत नये आवेदनों की स्वीकृति और ऋण वितरण में और भी अधिक तेजी लाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देश पर राजधानी रायपुर में अगले महीने की तीन तारीख को केन्द्र सरकार की मुद्रा प्रोत्साहन योजना के तहत विशाल ऋण शिविर भी आयोजित किया जा रहा है। यह शिविर अग्रसेन धाम के सभाकक्ष में लगाया जाएगा। शिविर की तैयारी के लिए मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड की अध्यक्षता में बैठक हो चुकी है। जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मुद्र्रा योजना के प्रथम वित्तीय वर्ष 2015-16 में छत्तीसगढ़ में छह लाख 39 हजार 711 आवेदकों को 2265 करोड़ 50 लाख रूपए का ऋण मंजूर किया गया और इसमें से 2156 करोड़ 14 लाख रूपए वितरित किए गए। पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 में विमुद्रीकरण के दौर में भी योजना के तहत राज्य में आठ लाख 84 हजार 941 आवेदकों को 3334 करोड़ 27 लाख रूपए का ऋण मंजूर करते हुए इसमें से 3209 करोड़ 86 लाख रूपए की धनराशि वितरित की गई। चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 की प्रथम छैमाही में अब तक तीन लाख 49 हजार 496 आवेदकों को 1354 करोड़ 03 लाख रूपए का ऋण स्वीकृत हो चुका है और इसमें से 1303 करोड़ 43 लाख रूपए वितरित भी किए जा चुके हैं। जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तीन घटक हैं। योजना के तहत ’शिशु’ घटक में 50 हजार रूपए तक ऋण देने का प्रावधान है। किशोर घटक में 50 हजार से अधिक और अधिकतम पांच लाख रूपए तथा ’तरूण’ घटक में पांच लाख से दस लाख रूपए तक ऋण की सुविधा इस योजना में दी जा रही है। छत्तीसगढ़ में इस योजना के तहत अब तक स्वीकृत 18 लाख 74 हजार आवेदनों में से सर्वाधिक 17 लाख 76 हजार 942 आवेदन शिशु घटक में मंजूर किए गए हैं। इस घटक में 3722 करोड़ 89 लाख रूपए मंजूर करते हुए 3637 करोड़ 31 लाख रूपए का वितरण कर दिया गया है। किशोर घटक में 77 हजार 550 आवेदकों को 1639 करोड़ 08 लाख रूपए मंजूर किए गए हैं और 1507 करोड़ 11 लाख रूपए का वितरण किया जा चुका है। योजना के ’तरूण’ घटक में 19 हजार 656 आवेदकों को 1591 करोड़ 80 लाख रूपए का ऋण स्वीकृत करते हुए 1525 करोड़ रूपए का वितरण किया जा चुका है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की सभी बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों, निजी क्षेत्र की बैंकों, विदेशी बैंकों, अल्प वित्त संस्थाओं और गैर वित्तीय कम्पनियों से भी ऋण प्राप्त किया जा सकता है। भारत का कोई भी नागरिक, जिसकी गैर कृषि क्षेत्र में आमदनीमूलक गतिविधि जैसे निर्माण, प्रसंस्करण, व्यापार और सेवा क्षेत्र की कारोबार की योजना हो और जिसकी ऋणों की आवश्यकता दस लाख रूपए से कम हो, वह प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत मुद्रा ऋण प्राप्त करने के लिए किसी भी बैंक, अल्प वित्त संस्था अथवा गैर वित्तीय कम्पनी से सम्पर्क कर सकता है।