भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद बैंकों ने भी ब्याज दरों में इजाफा शुरू कर दिया है. लोन पर ब्याज दर बढ़ने के अलावा बैंक जमा पर भी ब्याज दरों में इजाफा होने लगा है. इस बीच सार्वजनिक क्षेत्र के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी (FD) पर मिलने वाले ब्याज की दरों में बढ़ोतरी की है.
15 जुलाई से नई दरें प्रभावी
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की नई दरें 15 जुलाई से प्रभावी होगी. बैंक ने 2 करोड़ से कम के एफडी पर ब्याज दरों में इजाफा किया है. बैंक ने 1 साल से 2 साल से कम समय में मैच्योर होने वाली जमा राशियों पर ब्याज दरों को बढ़ा दिया है.
एसबीआई की नई ब्याज दरें
7 दिनों से 45 दिनों में मैच्योर होने वाली फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर 3.50 फीसदी पर बनी हुई है. बैंक 46 दिनों से 179 दिनों में मैच्योर होने वाली एफडी पर 4.00 फीसदी ब्याज दर देना जारी रखेगा. 180 दिनों से 210 दिनों तक मैच्योर होने वाली जमा पर एसबीआई 4.25 फीसदी की ब्याज दर देना जारी रखेगा, जबकि 211 दिनों से एक वर्ष से कम समय में परिपक्व होने वाली एफडी पर बैंक ने अपनी ब्याज दर 4.50 फीसदी पर स्थिर रखी है.
1 साल से लेकर लेकिन 2 साल से कम समय में मैच्योर होने वाली जमाओं पर अब 5.25 फीसदी की ब्याज दर मिलेगी जो पहले 4.75 फीसदी थी. बैंक 2 साल से 3 साल से कम अवधि में मैच्योर होने वाली एफडी पर 4.25 फीसदी और 3 साल और 10 साल तक मैच्योर होने वाली फिक्स्ड डिपॉजिट पर 4.50 फीसदी की दर से ब्याज देना जारी रखेगा.
IDBI बैंक ने भी बढ़ाई एफडी पर ब्याज दरें
प्राइवेट सेक्टर के आईडीबीआई बैंक 2 करोड़ रुपये से कम की डिपॉजिट पर ब्याज दर बढ़ा दी है. बढ़ी हुई ब्याज दरें 14 जुलाई, 2022 से लागू हो गई हैं. बैंक 7 दिनों से 30 दिनों में मैच्योर होने वाली जमा पर 2.70 फीसदी की ब्याज दर देगा, जबकि 31 दिनों से 45 दिनों में मैच्योर होने वाली एफडी पर 3.00 फीसदी की ब्याज दर की पेशकश करेगा. 46 से 60 दिनों में मैच्योर होने वाली जमा के लिए बैंक 3.25 फीसदी ब्याज दर का भुगतान करेगा और 61 से 90 दिनों में मैच्योर होने वाली जमा के लिए ब्याज दर 3.40 फीसदी है. 91 दिनों से 6 महीने में मैच्योर होने वाली एफडी पर अब 4.00 फीसदी की ब्याज दर का भुगतान किया जाएगा.
एफडी दरों को बढ़ा चुके हैं कई बैंक
गौरतलब है कि हाल ही में इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, एसबीआई, पीएनबी भी अपनी-अपनी एफडी दरों को बढ़ा चुके हैं. दरों में बढ़ोतरी का ये सिलसिला आरबीआई के द्वारा रेपो रेट्स में बढ़ोतरी के बाद शुरू हुआ है.