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मंकीपॉक्स: स्वास्थ्य मंत्रालय ने यात्रियों के लिए जारी किए निर्देश, 21 दिन का होगा आइसोलेशन, देखें गाइडलाइन

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अभी दुनिया को कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से पूरी तरह से राहत नहीं मिली थी कि अब मंकीपॉक्स (Monkeypox) के रूप में एक और संकट सामने आ गया है. दुनिया भर के कई देशों से मंकीपॉक्स (Monkeypox in India) के मामले मिलने के बाद अब इस वायरस ने भारत में भी एंट्री कर ली है. देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला केरल में दर्ज किया गया. पहला केस दर्ज होने के बाद इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं.

केरल में जो शख्स मंकीपॉक्स से ग्रसित पाया गया वह यूएई की यात्रा करके भारत लौटा था. देश में मंकीपॉक्स का केस आते ही केंद्र सरकार सतर्क हो गई है और दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है.

केंद्रीय मंत्रालय की तरफ से जारी गाइडलाइन के अनुसार मंकीपॉक्स से ग्रसित व्यक्ति की निगरानी की जाएगी और संक्रमित व्यक्ति को 21 दिन ततक आइसोलेशन में रखा जाएगा.
निर्देश के अनुसार मंकीपॉक्स का किसी भी तरह से संदिग्ध केस आने पर सैंपल को जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजा जाएगा.
मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार सभी अंतराष्ट्रीय यात्रियों को ऐसे बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए जिनकी त्वचा या फिर शरीर के दूसरे अंगों में घाव हों.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में यह भी कहा कि यात्रियों को मृत या फिर जीवित जंगली जांनवरों के संपर्क में आने से भी बचना चाहिए. जैसे छोट स्तनधारी (चूहे या फिर गिलहरी) या फिर गैर मानव प्राइमेट ( जैसे बंदर या वानर) मंत्रालय ने यात्रियों को जंगली जानवरों के मांस खाने से बचने के लिए भी कहा है.
मंत्रालय ने गाइडलाइन में यात्रियों को अफ्रीका के जंगली जानवरों से बने प्रोडक्ट जैसे क्रीम, लोशन या फिर पाउडर के इस्तीमाल न करने के लिए कहा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि बीमार लोगों द्वारा उपयोग की जाने वाली दूषित सामग्री, जैसे कि कपड़े, बिस्तर और स्वास्थ्य देखभाल सेटिंग्स में उपयोग की जाने वाली सामग्री के इस्तेमाल करने से बचे. इसके साथ ही संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने वाली वस्तुओं का उपयोग करने से बचें.

गौरतलब है कि दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स के मामले सामने आ चुके हैं. इस वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए विश्व स्वासथ्य संगठन ने भी इसे निम्न से मध्यम कैटेगरी वाले खतरे में शामिल कर लिया है. अफ्रीका में इस बीमारी ने महामारी का रूप भी ले लिया है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मंकीपॉक्स का वायरस कमजोर इम्यून सिस्टम वालों को जल्दी प्रभावित करता है.

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