भोपाल(म.प्र.), मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विभागीय गतिविधियों में जनता की संतुष्टि को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाये, जनता की संतुष्टि में ही कार्य की दक्षता है, उन्होंने ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता और बिलों की सहजता जनता की संतुष्टि का आधार है, इसको निरंतर बेहतर बनाने के प्रयास किये जाएं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में अल्प वर्षा के कारण सूखे की स्थिति बनने की संभावना है, इसलिये रबी और धान की फसल के लिये विद्युत आपूर्ति के समुचित प्रबंध किये जाएं। ट्रांसफार्मर के जलने और खराब ट्रांसफार्मरों को समय से बदलने की त्वरित और प्रभावी व्यवस्था हो। उन्होंने कार्य की कड़ी निगरानी किये जाने के निर्देश दिये। विभाग द्वारा विद्युत बैंकिंग और बिजली पंचायतों के नवाचारों की सराहना करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे और अधिक प्रभावी बनाया जाए। बिजली की आपूर्ति गुणवत्तापूर्ण रहे, इसकी कड़ी निगरानी की जाए। मुख्यमंत्री को बताया गया कि ट्रांसफार्मरों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के प्रभावी प्रयास किये गये हैं। मानव संचालित टेस्टिंग लैब में टेस्टिंग की व्यवस्था के साथ ही कम्प्यूट्रीकृत टेस्टिंग लैब की स्थापना का कार्य भी प्रगति पर है। प्रदेश में बिजली पंचायतों का 22 हजार 667 ग्राम पंचायतों में आयोजन हुआ है। प्राप्त एक लाख 332 समस्याओं में से 98 हजार 91 का निराकरण हो गया है। वर्ष 2016-17 के दौरान किसानों को एक लाख 88 हजार 612 स्थाई विद्युत पम्प कनेक्शन दिए गये हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान 38 हजार 606 स्थाई विद्युत पंप कनेक्शन किये गये हैं। विभाग द्वारा उच्च दाब बिलिंग चक्र में परिवर्तन कर राजस्व आय में वृद्धि और महत्वपूर्ण उपकरणों के क्रय, वितरण और संधारण के एक समान मानक निर्धारित कर गुणवत्ता सुनिश्चित करने की नई पहल की है। बैठक में ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन, मुख्य सचिव श्री बी.पी.सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री ए.पी.श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री इकबाल सिंह बैंस, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अशोक वर्णवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।