विदेशी फंड्स की लगातार निकासी और घरेलू शेयर बाजार में गिरावट के चलते रुपया बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 27 पैसे की गिरावट के साथ 78.40 (अनंतिम) के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि विदेश में डॉलर की मजबूती से भी रुपये की धारणा पर असर पड़ा. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने रुपये के नुकसान को सीमित किया.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में स्थानीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 78.13 पर सपाट खुली. इसने दिन के कारोबार के दौरान 78.13 के ऊपरी और 78.40 के निचले स्तर को देखा. रुपया अंत में अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले 27 पैसे की गिरावट के साथ 78.40 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ. पिछले सत्र में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 78.13 पर बंद हुआ था.
डॉलर इंडेक्स और मजबूत
इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.05 प्रतिशत की मजबूती के साथ 104.48 पर पहुंच गया. वैश्विक तेल सूचकांक ब्रेंट क्रूड वायदा 4.46 प्रतिशत गिरकर 109.54 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को शुद्ध रूप से 2,701.21 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
भारतीय रुपया लगातार कमजोर हो रहा है. तमाम मार्केट एक्सपर्ट्स ने इसके 80 रुपये तक फिसलने का अनुमान लगाया है. ग्लोबल हालात को देखते हुए जानकारों का कहना है कि इसमें और विकनेस आसस सकती है.