केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि टेस्ला (Tesla) और उसके सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) का भारत में स्वागत है. हालांकि, सरकार आत्मनिर्भर भारत की पॉलिसी से किसी भी तरह से पीछे नहीं हटेगी. कंपनी को भारत में अपने प्रोडक्ट्स बेचने से पहले ये शर्त माननी होगी.
टेस्ला देश में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को बेचने के लिए आयात शुल्क में कमी की मांग कर रही है. पिछले महीने, मस्क ने कहा कि टेस्ला स्थानीय रूप से अपने ईवी का उत्पादन तब तक नहीं करेगी, जब तक कि उसे अपनी इलेक्ट्रिक कारों को पहले यहां बेचने और सर्विस करने की अनुमति नहीं दी जाती.
टेस्ला नहीं लगाएगी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट
मस्क ने भारत के लिए अपनी निर्माण योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर यह जानकारी साझा करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “टेस्ला किसी भी ऐसे स्थान पर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं लगाएगी, जहां हमें पहले बेचने की अनुमति नहीं है. हाल ही में आयोजित एक शिखर सम्मेलन में भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री पांडे ने कहा कि देश की आत्मनिर्भर नीति अडिग बनी हुई है. टेस्ला का भारत में स्वागत है, लेकिन उन्हें देश की नीतियों का पालन करना होगा.
बिना प्रोडक्शन के नहीं मिल सकती टैक्स में छूट
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शर्तों के तहत टेस्ला को भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहन लॉन्च करने के लिए आमंत्रित किया था. टेस्ला को टैक्स में किसी भी तरह की कटौती की उम्मीद करने से पहले देश के लिए अपनी उत्पादन योजनाओं को शेयर करने के लिए कहा गया था. गडकरी ने कहा था, ‘अगर एलोन मस्क भारत में टेस्ला बनाने के लिए तैयार हैं, तो कोई समस्या नहीं है. हमारे पास सभी योग्यताएं हैं, विक्रेता उपलब्ध हैं. हमारे पास हर तरह की तकनीक है और उसकी वजह से वह लागत कम कर सकते हैं.
दो साल पहले भारत में हुई थी रजिस्टर्ड
गडकरी ने यह भी कहा था कि टेस्ला को चीन में अपने ईवी का निर्माण करने और फिर भारत में बेचे यह किसी भी तरह से नहीं हो सकता है, क्योंकि यह देश के लिए एक अच्छा प्रस्ताव नहीं होगा. मंत्री ने एक पिछली रिपोर्ट में कहा, “उनसे हमारा अनुरोध है कि भारत आएं और यहां निर्माण करें.” 2020 में टेस्ला ने औपचारिक रूप से टेस्ला इंडिया मोटर्स एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक सहायक कंपनी के जरिए भारत में खुद को रजिस्टर्ड किया था.