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ई-वे बिल के आंकड़ों से मिल रहे हैं संकेत, जून महीने में घट सकता है GST कलेक्‍शन

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केंद्र और राज्‍य सरकारों को जीएसटी (GST) से जून में कम आमदनी हो सकती है. माल ढुलाई के अनिवार्य ई-वे बिल के आंकड़ों से ऐसे संकेत मिल रहे हैं की इस महीने जीएसटी कलेक्शन कम रह सकता है. अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन के रिकॉर्ड स्‍तर पर पहुंचने के बाद इसमें मई में कमी आई थी. हालांकि, मई में कम जीएसटी कलेक्शन पर सरकार ने सफाई दी थी कि हर साल मई में ऐसा होता ही है.

लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्‍य के भीतर और एक राज्‍य से दूसरे राज्‍य में माल ढुलाई के लिए इलेक्‍ट्रॉनिक परमिट की आवश्‍यकता होती है. अप्रैल में 75.2 मिलियन ई-वे बिल जनरेट हुए थे, वहीं मई में यह आंकड़ा घटकर 73.6 मिलियन रह गया. इसी साल मार्च में रिकॉर्ड 78.2 मिलियन ई-वे बिल बने थे जिस कारण अप्रैल 2022 में जीएसटी कलेक्शन ने नया रिकॉर्ड बनाते हुए पहली बार 1.68 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा छुआ था.

लगातार 11वें महीने बढा फैक्‍टरी उत्‍पादन
हालांकि, ई-वे बिल केवल वस्‍तुओं के लिए हुए ट्रांजेक्‍शन को ही बताता है. यह सेवा क्षेत्र जैसे टूरिज्‍म की गति‍विधियों के बारे में कोई संकेत नहीं देता है. ऐसा माना जा रहा है कि टूरिज्‍म सेक्‍टर आने वाले महीनों में जीएसटी कलेक्‍शन में अच्‍छा योगदान देगा. एसएंडपी ग्‍लोबल ने अपने परचेज मैनेजर सूचकांक के हवाले से कहा है बताया है कि मई में लगातार 11वें महीने भारत का फैक्‍टरी उत्पादन बढ़ा है, जबकि सेवा क्षेत्र ने भी वृद्धि दर्ज की है. कंपनियों ने अप्रैल 2011 के बाद से व्यावसायिक गतिविधि में सबसे तेज वृद्धि मई में दर्ज की. मैन्‍यूफेक्‍चरिंग पीएमआई में मई में अप्रैल के मुकाबले हल्‍की गिरावट आई और यह 54.7 से घटकर 54.6 रह गई. इसी तरह सेवा क्षेत्र की पीएमआई मई में 57.9 के स्‍तर पर रही.

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