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विश्व व्यापार संगठन की बैठक में खाद्य सुरक्षा के लिए स्थायी समाधान की वकालत करेगा भारत

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विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की 12वीं मंत्रिस्तरीय बैठक आज रविवार से शुरू हो रही है. इस बैठक में भारत खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए अनाज के सार्वजनिक भंडार के मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए दबाव बनाएगा. साथ ही किसानों और मछुआरों के हितों की रक्षा के लिए जरूरी मुद्दें सामने लाएगा. भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल कर रहे हैं.

डब्ल्यूटीओ की बैठक शुरू होने के ऐन पहले भारत ने शनिवार को ही विश्व खाद्य कार्यक्रम को लेकर अपना रूख स्पष्ट किया. भारत ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के लिए होने वाली खाद्यान्न खरीद के मामले में डब्ल्यूटीओ के तहत निर्यात पाबंदियों से दी गई व्यापक छूट के विस्तार के पक्ष में नहीं है.

प्राथमिकता में घरेलू खाद्य सुरक्षा
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि विश्व खाद्य कार्यक्रम के लिए खाद्यान्न खरीद में दी जाने वाली छूट बढ़ाने से घरेलू खाद्य सुरक्षा चिंताओं से निपटने का उसका नीतिगत दायरा सीमित हो जाएगा. डब्ल्यूटीओ नियमों के मुताबिक सदस्य देश खाद्य सामग्री और देश के लिए आवश्यक अन्य उत्पादों की कमी को दूर करने के लिए अस्थायी निर्यात पाबंदियां लगा सकते हैं.

रविवार से जिनेवा में शुरू हो रही बैठक
मंत्रालय ने कहा कि मई में, डब्ल्यूटीओ प्रमुख नगोजी ओकोंजो-इवेला ने कृषि, व्यापार और खाद्य सुरक्षा तथा निर्यात पाबंदियों से डब्ल्यूएफपी को छूट पर विचार-विमर्श के लिए तीन मसौदा दस्तावेज पेश किए थे. मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत को मसौदा निर्णयों को लेकर कुछ आपत्तियां हैं.’’

डब्ल्यूटीओ के मंत्री-स्तरीय सम्मेलन की रविवार से जिनेवा में शुरू हो रही अहम बैठक में यह मसला प्रमुखता से उठाए जाने की उम्मीद है. डब्ल्यूटीओ की सर्वोच्च संस्था मंत्री-स्तरीय सम्मेलन की यह बैठक चार साल के अंतराल के बाद हो रही है. इस बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई करेंगे.

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