रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने दीनदयाल श्रम अन्न सहायता योजना के तहत शहरी श्रमिकों को सिर्फ पांच रूपए में पौष्टिक भोजन देने के लिए राज्य के पहले केन्द्र का शुभारंभ किया। इसे मिलाकर प्रदेश के सभी 27 जिलों में ऐसे 60 केन्द्र खोले जाएंगे और प्रत्येक केन्द्र में एक हजार के मान से 60 हजार श्रमिकों को प्रतिदिन सवेरे 8 बजे से 10 बजे के बीच ताजा और पौष्टिक भोजन दिया जाएगा। प्रदेश में मनाए जा रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी समारोह के अंतर्गत यह योजना शुरू की गई है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कचरा बीनने वाली बालिकाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण केन्द्र का भी शुभारंभ किया, जहां इन बालिकाओं को सिलाई-बुनाई और रसोई बनाने का अल्पकालीन प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ने की पहल की जाएगी। इन बालिकाओं को प्रतिदिन 300 रूपए के मान से एक माह में नौ हजार रूपए का प्रशिक्षण भत्ता भी दिया जाएगा। इन बालिकाओं ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके परिवारों के लोग विगत तीन पीढ़ियों से शहर में कचरा बीनकर जीवन यापन करते आ रहे थे। अब राज्य सरकार के श्रम विभाग द्वारा उन्हें सम्मानजनक काम-काज के लिए प्रशिक्षण का अवसर दिया जा रहा है।
ज्ञात हो विगत दिनों राज्य शासन द्वारा प्रदेश के कचरा बीनने वालों को दस्ताना, जूता एवं रेनकोट देने का निर्णय लिया है। इस संबंध में श्रम विभाग द्वारा अधिसूचना जारी की गई है। अधिसूचना के अनुसार ‘कचरा बीनने वालों के लिए सुरक्षा उपकरण सहायता योजना’ शुरू की गई है। योजना का संचालन छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल द्वारा किया जाएगा। योजना के तहत प्रदेश के किसी भी जिले में छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल में पंजीकृत कचरा बीनने वालों को योजना का लाभ मिलेगा। इसके तहत कचरा बीनने वाले को दस्ताना, जूता, एवं रेनकोट प्रदान किया जाएगा या इन सामग्रियां के लिए सी.एस.आई.डी.सी.द्वारा निर्धारित मूल्य के बराबर राशि, चेक अथवा उनके बैंक एकाउंट में आर.टी.जी.एस. के माध्यम से प्रदान की जाएगी, यह सहायता राशि एक बार ही दी जाएगी। सहायता के लिए आवेदक की आयु 18 से 60 वर्ष होनी चाहिए। सहायता के लिए हितग्राही किसी भी च्वाइस सेंटर, कम्प्यूटर सेंटर, श्रम केन्द्र अथवा संबंधित क्षेत्र के सहायक श्रमायुक्त, श्रम पदाधिकारी कार्यालय में जाकर वेबसाईट में ऑनलाईन आवेदन जमा करा सकते हैं।