पब्लिक सेक्टर की कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) की कैप्टिव पावर प्लांट (CPP) और सीमेंट, स्पॉन्ज जैसे सेक्टर्स को कोयले की सप्लाई पिछले महीने पिछले साल के मई की तुलना में घटी है. सरकार की ओर से जारी ताजा डेटा के मुताबिक, सीपीपी को कोयले की सप्लाई मई में 39.74 फीसदी घटी है. वहीं, सीमेंट सेक्टर को सप्लाई 16.74 फीसदी कम हुई है. इसी प्रकार, स्पॉन्ज सेक्टर को कोल इंडिया के कोयले की सप्लाई पिछले साल मई की तुलना में मई, 2022 में 8.74 फीसदी कम रही है.
हालांकि, मई में स्टील सेक्टर को कोल इंडिया की सप्लाई 67.83 फीसदी बढ़ी है. साथ ही, पावर सेक्टर को भी सप्लाई 19.48 फीसदी बढ़ी है. नॉन-रेगुलेटेड सेक्टर्स को कोयले की सप्लाई घटने के बीच इंडस्ट्री बॉडीज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है. उनका कहना है कि इंडस्ट्रीज को बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए एक्सचेंजों से ऊंची दर पर बिजली खरीदनी पड़ रही है.
सप्लाई 32 फीसदी घटी
मैन्युफैक्चिरिंग सेक्टर, माइक्रो, स्मॉल और मीडियम इंटरप्राइजेज (MSME) और सीपीपी आधारित इंडस्ट्रीज ने 10 इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के ग्रुप के जरिये इस बारे में प्रधानमंत्री को संयुक्त रूप से ज्ञापन दिया है. इसमें कहा गया है कि सीपीपी, स्टील, सीमेंट और स्पॉन्ज आयरन सेक्टर को कोयले की सप्लाई चालू वित्त वर्ष में करीब 32 फीसदी घट गई है.
कुछ इंडस्ट्री बंदी की कगार पर
प्रधानमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि कोयला संकट की वजह से कई इंडस्ट्रीज को अपना प्रोडक्शन घटाना पड़ा है. कुछ इंडस्ट्री बंदी की कगार पर हैं. इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने कहा कि इस संकट की वजह से मैन्यूफैक्चिरिंग सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हो सकता है, जिसका असर आखिरकार आम आदमी पर पड़ेगा.
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